दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में डी. सी. मोटर की हानियां के बारे में बात की है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
डी. सी. मोटर की हानियां (Losses in D.C. Motors)
मोटर के चलते रहने या उपयोग में लाने से मोटर में मुख्यत: तीन प्रकार की हानियां होती हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
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1.लौह हानि (Iron Loss)
आर्मेचर तथा फील्ड के क्रोडों में होने वाली इलेक्ट्रिक पावर की हानि, लौह हानि (Iron Loss) कहलाती है। यह हानि दो प्रकार की होती है-
(i)हिस्टेरैसिस हानि
इस हानि को कम करने के लिए कम हिस्टेरैसिस गुणांक पदार्थ का उपयोग किया जाता है। यह तापमान पर निर्भर नहीं करता है।
(ii)एड्डी धारा हानि
इस हानि को कम करने के लिए क्रोड को लेमिनेटेड बनाया जाता है।
2.कॉपर हानि (Copper Loss)
यह इलेक्ट्रिक पावर की वह हानि है, जो आर्मेचर तथा फील्ड वाइंडिंग के प्रतिरोध व ब्रशेज के सम्पर्क प्रतिरोध के कारण पैदा होती है।
3.यांत्रिक हानि (Mechanical Loss)
आर्मेचर में वायु के घर्षण से, ब्रशों के कम्यूटेटर घर्षण से तथा बियरिंग के घर्षण से होने वाली हानि यांत्रिक हानि (Mechanical Loss) कहलाती है।
दोस्तों, यदि आपको डी. सी. मोटर की हानियां पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं।
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