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लेड एसिड बैटरी इन हिंदी

लेड एसिड बैटरी इन हिंदी

दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में लेड एसिड बैटरी इन हिंदी और लेड एसिड बैटरी के भागों के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-

लेड एसिड बैटरी इन हिंदी (Lead Acid Battery in Hindi)

लेड एसिड बैटरी का सबसे अधिक उपयोग कंपनियों में होता है, इसके बाद निकल केडमियम का उपयोग किया जाता है।
यह बैटरी सस्ती कीमत की होती है और इसकी काम करने की क्षमता अच्छी होती है।

लेड एसिड बैटरी का उपयोग ऑटोमोबाइल कंपनियों या इंडस्ट्रीज में मोटरसाइकिल, ट्रक, कार, बस, स्कूटी आदि में किया जाता है।

इसका उपयोग जनरेटर में स्टार्टर को स्टार्टिंग पावर देने के लिए, बैटरी से चलने वाली फोर्कलिफ्ट में,और प्लांट में क्रिटिकल उपकरण को इमर्जेन्सी में पावर देने के लिए यूपीएस में भी होता है।

भारत सरकार भी बढ़ते पेट्रोलियम के दाम को देखते हुए बैटरी कार को बढ़ावा दे रही है। जो पेट्रोल और डीजल की जगह बैटरी से चलेगीं। वैसे तो शुरुआत हो चुकी है। अब से कुछ समय पहले बैटरी की स्कूटी और रिक्से की जगह पर बैटरी के टुक-टुक चलने लगे हैं। ऐसे ही और आविष्कार होकर चार पहिए की गाड़ियां भी रोड पर चलती नजर आएंगी।

लेड एसिड बैटरी के भाग (Parts of Lead Acid Battery)

यह निम्न प्रकार से हैं-

Lead Acid Battery Kya Hai
Lead Acid Battery

1.कंटेनर

यह एक बॉक्स होता है, जो कि हार्ड रबड़ से बनाया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रोलाइट, सेपरेटर धनात्मक और ऋणात्मक प्लेट होती है। अधिकतर एक बैटरी के कंटेनर में छ: सेल होता है।

2.प्लेट्स

बैटरी में दो प्लेट्स होती हैं, जिसमें से एक धनात्मक प्लेट तथा दूसरी ऋणात्मक प्लेट होती है, इन प्लेट्स में धनात्मक प्लेट पर लेड परॉक्साइड और ऋणात्मक प्लेट पर लेड का आवरण होता है। यह दोनों प्लेट्स मंद सल्फ्यूरिक एसिड में डूबी रहती हैं। इन दोनों का सल्फ्यूरिक एसिड में रिएक्शन होता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है।

3.इलेक्ट्रोलाइट

इलेकट्रोलाइट के रासायनिक अभिक्रिया से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है और साथ ही स्टोर या एकत्र होती है। लेड एसिड बैटरी में सल्फ्यूरिक एसिड का द्रावण होता है और मिनरल वाटर के साथ रासायनिक अभिक्रिया होती है।

4.सेल कनेक्टर

यह एक सेल को दूसरे सेल से कनेक्ट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जिससे 12 वाल्ट का बैटरी बनता है।

5.लेवल इंडिकेटर

यह बैटरी के ऊपर लगा होता है, इसका उपयोग द्रावण या तेजाब का लेवल जाँचने के लिए किया जाता है। यदि बैटरी में लेवल कम हो जाता है, तो शुद्ध पानी डालकर लेवल को मेंटेन करना पड़ता है। यदि ऐसा नही किया तो लेवल कम होने से बैटरी का तापमान बढ़ जाएगा है और बैटरी जल्दी खराब हो जाएगी।

6.सीलिंग कंपाउंड

कंपाउंड रबर को पिघलाकर कन्टेनर में इस्तेमाल किया जाता है। इसका मेन उदेश्य बैटरी को लीकेज प्रूफ बनाना है।

7.वेंट प्लग

बैटरी चार्जिंग और डिसचार्जिंग से केमिकल में अभिक्रिया होने से बहुत अधिक गैस उत्पन्न होती है। इस गैस को बाहर निकालने के लिए एक वेंट प्लग लगा दिया जाता है, जिससे गैस बाहर निकलती रहती है। यदि यह प्लग न लगा हो तो बैटरी का बाहरी आवरण फट जाएगा और बैटरी खराब हो जाएगी।

8.सेल कवर

यह कवर सेल को ढकने के लिए बनाया जाता है। यह एक हार्ड रबड़ का बना होता है।

9.टर्मिनल

बैटरी में दो टर्मिनल होते हैं, जिसमें से एक धनात्मक और दूसरा ऋणात्मक होता है, इन टर्मिनल से हम बैटरी के वोल्टेज को जाँच या माप सकते हैं और इसमें टर्मिनल लग्स लगाकर सप्लाई को उपकरणों तक पहुँचा सकते हैं।

दोस्तों, यदि आपको लेड एसिड बैटरी के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं।

More Information:- लैकलांची सेल क्या है?

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