वर्नियर हाइट गेज किसे कहते हैं?
“वह सूक्ष्ममापी यन्त्र, जिसका प्रयोग किसी जॉब की ऊंचाई (height) मापने या ऊंचाई पर मार्किंग करने में किया जाता है, वर्नियर हाइट गेज कहलाता है”।
अल्पतमांक
- मीेट्रिक पद्धति में- 0.02 मिमी
- ब्रिटिश पद्धति में- 0.001 इंच
वर्नियर हाइट गेज के मुख्य भाग
(1.)आधार (Base)
यह कॉस्ट स्टील या एल्युमीनियम एलॉय से बनाया जाता है। यह एक महत्तवपूर्ण भाग (Important part) है। यह आयताकार एवं भारी होता है। और इसे निचले सतह से अच्छी प्रकार ग्राइण्ड (grind) करके बीच का भाग खाली बनाया जाता है।
(2.)बीम
यह आधार से 90° पर जुड़ा होता है। इसी पर मेन स्केल की ग्रेजुएशन (graduation) लिखी रहती है। और इसी पर मार्किंग ब्लॉक तथा इससे जुड़े अन्य पार्ट्स भी ऊपर-नीचे स्लाइड करते हैं।
(3.)वर्नियर स्केल
यह वर्नियर हाइट गेज का मुख्य भाग (main part) होता है। यह मेन स्केल पर स्लाइड करता है, इसकी दोनों साइडों में कमानी स्प्रिंग दिया जाता है, जो इसको एक ही अवस्था (stage) में रखता है।
(4.)स्क्राइबर
यह एक मार्किंग टूल है, जिसे जॉब पर मार्किंग करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह इसमें दो प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं, स्ट्रेट स्क्राइबर (straight scriber) या ऑफसेट स्क्राइबर (offset scriber) । जो कि आजकल अधिकतर कार्बाइड टिप वाले स्क्राइबर उपयोग में लाए जाते हैं।
(5.)फाइन एडजस्टिंग इकाई
इस इकाई का उपयोग वर्नियर हाइट गेज को आगे-पीछे सरकाने के लिए किया जाता है। इस इकाई के विपरीत दिशा में लगे क्लैम्पिंग स्क्रू (clamping screw) से इसे फिक्स कर दिया जाता है। ताकि मार्किंग (marking) को ठीक प्रकार से किया जा सके।
सिद्धान्त
इसका सिद्धान्त वर्नियर कैलिपर (vernier calliper) के समान होता है। वर्नियर हाइट गेज एक ही माप के दो स्केलों (मेन स्केल तथा वर्नियर स्केल) के अन्तर के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
अल्पतम माप
“वर्नियर हाइट गेज द्वारा ली जा सकने वाली छोटी-से-छोटी माप को उसकी अल्पतम माप (leastcount) कहते हैं”। इसका रीडिंग लेने का प्रोसेस तथा अल्पतमाँक यह सभी वर्नियर कैलिपर के समान होता है।
मीट्रिक पद्धति में
इस पद्धति में मेन स्केल के 49 भागों को वर्नियर स्केल पर 50 भागों में बाँटा जाता है।
मेन स्केल के 1 खाने का मान= 1 मिमी
वर्नियर स्केल के 1 खाने का मान= 49/50=0.98 मिमी
अल्पतम माप= मेन स्केल के 1 खाने का मान – वर्नियर स्केल 1 खाने का मान
अल्पतम माप= 1-0.98 =0.02 मिमी
शून्य सेटिंग
इस प्रकार के गेज (guage) में ऑफसेट स्क्राइबर यन्त्र के शून्य को डेटम सतह से सेट करते हैं। और इसमें स्ट्रेट स्क्राइबर को प्रयोग करते समय डेटम सतह से ऊपर यन्त्र के शून्य को सेट किया जाता है। इस स्थिति में शून्य सेटिंग (zero setting) की परिशुद्धता (accuracy) का इंस्पेक्शन गोल ब्लॉक द्वारा किया जाता है। वर्नियर हाइट गेज की ऊँचाई का वर्णन बीम की ऊँचाई (height) द्वारा किया जाता है।
देखरेख
- इसे हमेशा कटिंग औजारों से अलग रखना चाहिए।
- इसका प्रयोग रफ सतह (rough surface) पर नहीं करना चाहिए।
- इसको सदैव उपयोग से पहले और बाद में साफ (clean) कर देना चाहिए, ताकि इसकी परिशुद्धता बनी रहे।
सावधानियाँ
- इससे मार्किंग करते समय बेस को पकड़कर हाथ से इस प्रकार चलाना चाहिए कि मेन स्केल झुके नहीं तथा इसे सर्फेस प्लेट (surface plate) पर रखकर उपयोग करना चाहिए।
- इसको अन्य औजारों (other tools) के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए।
- स्क्राइबर की धार तेज होनी चाहिए, जिससे लाइन खींचने के लिए अधिक बल (force) की आवश्यकता न पड़े।
- उपयोग करने के बाद (after) साफ करके व हल्का मोबिल ऑयल (Light mobile oil) लगाकर रखना चाहिए।
- माप लेते समय वर्नियर स्केल की शून्य त्रुटि (zero error) का भी आकलन करना चाहिए।
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More Information:- वर्नियर कैलिपर क्या है? इसके उपयोग
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