नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में आपको विद्युत की परिभाषा और बिजली क्या है? इसके बारे में बताने जा रहा हूं। और इसका जिक्र आपको बहुत सारी जगह पर मिलेगा जैसे कि आईटीआई के इलेक्ट्रीशियन और वायरमैन के सिलेबस में है। अगर आप जानना चाहते हो तो इस लेख को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पड़ेगा और मैं हूं राजेंद्र सिंह और आप देख रहे हैं iticourse.com.
बिजली की परिभाषा?
बिजली को विद्युत भी कहा जाता है। विद्युत( बिजली ) भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें विद्युत आवेशों का अध्ययन किया जाता है, विद्युत कहलाती है।
बिजली क्या है?
विद्युत(इलेक्ट्रिसिटी) एक प्रकार का बल है जो दिखाई नहीं देता है और ना ही स्पष्ट किया जा सकता है। परंतु इसका अनुभव, घटनाओं अथवा प्रयोगों के माध्यम से किया जा सकता है। बिजली (इलेक्ट्रिसिटी) पदार्थ के आधारभूत कण परमाणु का अंग है। इस प्रकार परमाणु के अंदर इलेक्ट्रॉनों के असंतुलन के कारण किसी भी प्रकार की लगाई गई ऊर्जा विद्युत, ही ऊर्जा में बदल जाती है। विद्युत(इलेक्ट्रिसिटी) ऊर्जा का उपयोग अस्पतालों में, जनरेटर में, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, छोटे बड़े उद्योगों, अनुसंधान के कार्य, और घरेलू उपकरण में बहुत ज्यादा हो रहा है।
विद्युत की खोज?
विद्युत् दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली बड़ी खोज मानी है। आज हम बिजली के बिना तो जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। क्योकि यह हमें विज्ञान का दिया हुआ ऐसा वरदान है, जिससे सभी बड़े-बडे आविष्कार कही न कही तो जुड़े हुए है। बिजली ऊर्जा का एक रूप होती है जो की स्वाभाविक रूप में मिलती है, इसलिए इसे “खोजा” गया था, न कि “आविष्कार” किया।
बिजली की खोज का श्रेय बहुत सारे प्रतिभाओं को जाता है, केवल एक को ही नहीं। इसकी शुरुआत ६०० ईसा पूर्व(600 BC) में हुआ जब प्राचीन यूनानियों (greeks)ने सीखा कि जीवाश्म वृक्ष पर फर को घिसने से जो राल(Resin) बनती है उससे वस्तुओं के बीच चुंबकत्व का निर्माण हो रहा है , जिसे आज ‘स्थिर ऊर्जा’ कहा जाता है। इसी प्रकार स्थिर विद्युत् की खोज हुई।
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