दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में टॉलरेंस क्या है? टॉलरेंस के प्रकार इत्यादि के बारे में बताया है, यदि आप टॉलरेंस के बारे में जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
टॉलरेंस क्या है? (Tolerance kya hai?)
किसी जॉब के बेसिक साइज के ऊपर दी गई अधिकतम लिमिट और न्यूनतम लिमिट के अंतर को टॉलरेंस (Tolerance) कहते हैं।
टॉलरेंस बनाए गए जॉब या पार्ट की एक्युरेसी को प्रदर्शित करता है।
टॉलरेंस कभी भी ऋणात्मक नहीं रहती है, यह हमेशा धनात्मक रहती है।
टॉलरेंस जोन किसे कहते हैं? (Tolerance zone kise kahate hai?)
जब कभी किसी जॉब के साइज में दिए गए टॉलरेंस को ग्राफ द्वारा दर्शाया जाता है, तब उसको टॉलरेंस जोन कहते हैं।
More Information:- विचलन के बारे में
fake iced out rolex useful source useful contentटॉलरेंस के प्रकार (Tolerance ke prakar)
यह तीन प्रकार का होता है, जोकि निम्न प्रकार से है-
1.यूनिलेटरल टॉलरेंस (Unilateral tolrance)
इस प्रकार के टॉलरेंस में किसी जॉब के बेसिक साइज के में केवल एक ही ओर विचलन होता है, और दूसरी ओर का विचलन जीरो होता है।
2.बाइलेटरल टॉलरेंस (Bilateral tolerance)
इस प्रकार के टॉलरेंस में किसी जॉब के बेसिक साइज में दोनों ओर विचलन ऊपर तथा नीचे रहता है।
3.फंडामेंटल टॉलरेंस (Fundamental tolerance)
इस प्रकार के टॉलरेंस को भारत में BIS के अनुसार 18 ग्रेड्स को निर्धारित किया गया है, जोकि विभिन्न प्रकार की फिट देने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
इन ग्रेड्स को IT01, IT0, IT1, IT2……… IT16 द्वारा प्रदर्शित किया गया है।
यह ग्रेड्स हमेशा शाफ्ट तथा होल दोनों के लिए समान रूप से काम करते हैं।
जिस शाफ्ट या होल का जितना बड़ा नम्बर होता है, उसकी उतनी ही ज्यादा बड़ी टॉलरेंस जोन होती है।
किसी टॉलरेंस की माप को प्रदर्शित करने के लिए पहले जॉब का बेसिक साइज या मूल माप लिखी जाती है, इसके बाद मूल विचलन तथा उसके बाद टॉलरेंस का ग्रेड लिखा जाता है।
उदाहरण:- 30H7
इस उदाहरण के अनुसार, इसमें 30 जॉब का बेसिक साइज या मूल माप को, H मूल विचलन को और 7 टॉलरेंस की ग्रेड को प्रदर्शित करता है।
More Information:- फिट्स के बारे में
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