- वर्नियर कैलिपर क्या है?
- वर्नियर कैलिपर किस मटेरियल से बना होता है?
- वर्नियर कैलिपर का सिद्धांत क्या है?
- वर्नियर कैलिपर के सामान्य आकार (Sizes)
- वर्नियर कैलिपर की न्यूनतम संख्या (Least Count)
- वर्नियर कैलिपर के मुख्य भाग
- वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक (Least Count Calculation)
- वर्नियर कैलिपर के उपयोग
- वर्नियर कैलिपर उपयोग करने की सावधानियां
वर्नियर कैलिपर क्या है?
वर्नियर कैलिपर एक सूक्ष्ममापी यंत्र (Precision Measuring Instrument) है, जिसका उपयोग बाहरी व्यास (Outer Diameter), अंदरूनी व्यास (Inner Diameter) और गहराई (Depth) को सटीक रूप से मापने के लिए किया जाता है। इस उपकरण का आविष्कार फ्रांस के वैज्ञानिक पियरे वर्नियर (Pierre Vernier) ने किया था, इसलिए इसे वर्नियर कैलिपर कहा जाता है।
“वह सूक्ष्ममापी यंत्र, जिसके द्वारा किसी जॉब का बाहरी व्यास, अंदरूनी व्यास व गहराई तीनों को मापा जाता है, उसे वर्नियर कैलिपर (Vernier caliper) कहते है।” इस सूक्ष्ममापी यंत्र का आविष्कार फ्रांस के वैज्ञानिक पैरी वर्नियर ने किया था। इसलिए, इस यंत्र का नाम वैज्ञानिक के नाम के अनुसार वर्नियर कैलिपर रखा गया था।
वर्नियर कैलिपर किस मटेरियल से बना होता है?
यह मुख्य रूप से निकेल क्रोमियम स्टील (Nickel Chromium Steel) या वेनेडियम स्टील (Vanadium Steel) से बनाया जाता है, जिससे यह मजबूत और टिकाऊ होता है।
वर्नियर कैलिपर का सिद्धांत क्या है?
वर्नियर कैलिपर मेन स्केल (Main Scale) और वर्नियर स्केल (Vernier Scale) के बीच के अंतर पर कार्य करता है। यह वर्नियर स्केल को छोटे विभाजनों में विभाजित करके अत्यधिक सटीक मापन प्रदान करता है।
वर्नियर कैलिपर के सामान्य आकार (Sizes)
यह उपकरण मीट्रिक पद्धति में 150 मिमी से 300 मिमी (150mm - 300mm) और ब्रिटिश पद्धति में 6" से 24" इंच (6” - 24”) तक के आकारों में उपलब्ध होता है।
वर्नियर कैलिपर की न्यूनतम संख्या (Least Count)
वर्नियर कैलिपर की न्यूनतम गणना 0.02 मिमी (Metric: 0.02mm) या 0.001 इंच (British: 0.001 inch) होती है।
वर्नियर कैलिपर के मुख्य भाग
- मेन स्केल (Main Scale) - स्टील रूल के समान होता है, जिस पर मापन के निशान बने होते हैं।
- वर्नियर स्केल (Vernier Scale) - यह एक छोटी स्केल होती है, जो मुख्य स्केल पर स्लाइड होती है।
- चल और फिक्स जबड़ा (Fixed & Movable Jaw) - बाहरी व्यास मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
- चल और फिक्स निब (Fixed & Movable Nib) - अंदरूनी व्यास मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
- लॉकिंग स्क्रू (Locking Screw) - मापन को लॉक करने के लिए।
- फाइन एडजस्टमेंट स्क्रू (Fine Adjustment Screw) - सटीक मापन के लिए।
- डैप्थ रॉड (Depth Rod) - गहराई मापने के लिए।
1) मेन स्केल
वर्नियर कैलिपर का यह भाग बीम के नाम से भी जाना जाता है। इस भाग पर स्टील रूल के समान मीट्रिक व ब्रिटिश पद्धति के निशान बने होते हैं। इसी भाग से बाहरी माप लेने के लिए फिक्स जबड़ा तथा भीतरी माप लेने के लिए फिक्स निब लगी होती है। और इसके पीछे की साइड में एक ग्रूव बना होता है। इस ग्रूव में गहराई मापने के लिए एक डैप्थ रॉड पड़ी होती है।
2) वर्नियर स्केल
यह वर्नियर कैलिपर का सबसे मुख्य भाग होता है, इसकी सहायता से ही सूक्ष्मता में माप ली जाती है। इसमें नीचे की साइड में मीट्रिक पद्धति के व ऊपरी साइड में ब्रिटिश पद्धति के निशान बने होते हैं। इसमें बाहरी व्यास मापने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला भाग जबड़ा तथा भीतरी व्यास मापने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला भाग निब कहलाता है। इस स्केल से चल जबड़ा तथा चल निब जुड़ी रहती है। इसी स्केल से गहराई मापने के लिए एक डैप्थ रॉड जुड़ी रहती है। इसके ऊपरी भाग में एक लॉकिंग स्क्रू लगा होता है। तथा इसके साइड में नीचे की ओर एक फाइन एडजस्टिंग स्क्रू लगा होता है।
3) चल व फिक्स जबड़ा
इस भाग को किसी जॉब का बाहरी व्यास मापने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
4) चल व फिक्स निब
इस भाग को किसी जॉब में बने स्लॉट का अंदरूनी व्यास मापने या स्लॉट की चौड़ाई मापने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
5) लॉकिंग स्क्रू
इस भाग के द्वारा वर्नियर स्केल को लॉक किया जाता है। जब किसी जॉब की माप लेते हैं, तो जॉब को जबड़ों या निब से निकालते हैं, तब वर्नियर कैलिपर हिल सकता है, जिसके कारण शुद्ध रीडिंग नहीं मिल पाएगी। इसलिए जॉब को माप लेकर तुरंत लॉक कर देते हैं। जिससे वर्नियर स्केल लॉक हो जाती है, और रीडिंग शुद्ध या एक्युरेट प्राप्त हो जाती है। इस स्क्रू में नर्लिंग की गई होती हैं।
6) फाइन एडजस्टमेन्ट स्क्रू
इस भाग को थम्ब स्क्रू भी कहते हैं, क्योंकि इसको हाथ के अंगूठे से चलाया या आपरेट किया जाता है। इस स्क्रू के द्वारा बहुत बारीक माप को एडजस्ट करते हैं। जिससे एक्युरेट माप मिलती है। इस भाग के द्वारा वर्नियर स्केल को आसानी से आगे-पीछे सरकाया जाता है। इस स्क्रू में नर्लिंग की गई होती है।
7) डैप्थ रॉड
इस भाग का उपयोग किसी जॉब में बने स्लॉट की गहराई मापने के लिए किया जाता है। यह रॉड वर्नियर स्केल से जुड़ा होता है। इसके द्वारा गहराई को भी मीट्रिक पद्धति व ब्रिटिश पद्धति दोनों में माप सकते हैं।
वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक (Least Count Calculation)
मीट्रिक पद्धति: अल्पतमांक न स्केल का एक भाग - वर्नियर स्केल का एक भाग - 0.02 मिमी=1 मिमी−0.98 मिमी
ब्रिटिश पद्धति: अल्पतमांक = 0.025 - 0.024 = 0.001
वर्नियर कैलिपर स्केल में एक मुख्य स्केल (Main Scale) के साथ सरकने वाला स्केल लगा होता है। वर्नियर कैलिपर स्केल की सहायता से किसी वस्तु का आंतरिक व्यास, भीतरी व्यास व किसी कट की गहराई को बिना किसी त्रुटि के मापा जाता है। वर्नियर कैलिपर का मीट्रिक पद्धति में अल्पतमांक 0.02 मिमी व ब्रिटिश पद्धति में 0.001 इंच होता है।
अल्पतमांक (Least Count)- “वर्नियर कैलिपर द्वारा जो न्यूनतम माप ली जा सकती है, उसे वर्नियर कैलिपर अल्पतमांक ( Least count of vernier caliper) कहते हैं।"
- मीट्रिक पद्धति में- 0.02मिमी
- ब्रिटिश पद्धति में- 0.001इंच
1) मीट्रिक पद्धति
जिन वर्नियर कैलिपर में मेन स्केल पर 0.5 मिमी व 1 मिमी के निशान बने होते हैं-
- इनमें मेन स्केल के पर एक मिमी वाले 12 भाग और 0.5 मिमी के 24 भाग वर्नियर स्केल के 25 भागों के बराबर होते हैं।
- इसके बाद मेन स्केल के एक भाग का मान और वर्नियर स्केल के एक भाग का मान निकाला जाता है।
- मेन स्केल के एक भाग का मान 0.5 मिमी होता है।
- वर्नियर स्केल के एक खाने का मान निम्न प्रकार से निकालते हैं-
- वर्नियर स्केल के 25 भाग = मेन स्केल के 12 भाग
- वर्नियर स्केल के एक भाग का मान = 12/25 = 0.48 मिमी
अल्पतमांक = मेन स्केल के एक भाग का मान- वर्नियर स्केल के एक भाग का मान
अल्पतमांक = 0.5 - 0.48 = 0.02 मिमी
जिन वर्नियर कैलिपर की मेन स्केल पर एक मिमी के निशान बने होने के साथ मेन स्केल के 49 भाग वर्नियर स्केल के 50 भागों के बराबर होते हैं, उनमें निम्न प्रकार से अल्पतमांक निकाला जाता है-
- इसके बाद मेन स्केल के एक भाग का मान और वर्नियर स्केल के एक भाग का मान निकाला जाता है।
- मेन स्केल के एक भाग का मान 1 मिमी होता है।
- वर्नियर स्केल के एक खाने का मान निम्न प्रकार से निकालते हैं-
- वर्नियर स्केल के 50 भाग = मेन स्केल के 49 भाग
- वर्नियर स्केल के एक भाग का मान = 49/50 = 0.98 मिमी
अल्पतमांक = मेन स्केल के एक भाग का मान- वर्नियर स्केल के एक भाग का मान
अल्पतमांक = 1.00 - 0.98 = 0.02 मिमी
2) ब्रिटिश पद्धति
जिन वर्नियर कैलिपर के मेन स्केल के 24 भागों को वर्नियर स्केल पर 25 भागों में बांटा जाता है, उनका अल्पतमांक निम्न प्रकार से निकाला जाता है-
- इस पद्धति के वर्नियर कैलिपर में मेन स्केल को इंचों में बांटा गया होता है, इसमें एक इंच को 10 बराबर भागों में बांटा जाता है, और इस एक भाग को चार बराबर अनुभागों में बांटा जाता है। तब टोटल अनुभाग 40 हो जाते हैं।
- इसलिए मेन स्केल के एक भाग का मान 1/40 इंच या 0.025" होता है।
- इसी प्रकार मेन स्केल के 24 भाग = 24 × 1"/40 = 24"/40
- अब वर्नियर स्केल के 25 भाग का मान = मेन स्केल के 24 भाग का मान
- वर्नियर वर्नियर स्केल के एक भाग का मान = 24/40×25 = 24/1,000 = 0.024"
- इसलिए वर्नियर स्केल के एक भाग का मान = 0.024"
अल्पतमांक = मेन स्केल के एक भाग का मान- वर्नियर स्केल के एक भाग का मान
अल्पतमांक = 0.025" - 0.024" = 0.001"
वर्नियर कैलिपर के उपयोग
- फिटिंग कार्यों में सटीक मापन।
- शाफ्ट, बियरिंग और होल के व्यास को मापने में।
- ब्लाइंड बोर और स्लॉट की गहराई मापने में।
- वर्कशॉप में जॉब की लंबाई और व्यास मापने में।
वर्नियर कैलिपर उपयोग करने की सावधानियां
- उपयोग से पहले शून्य त्रुटि (Zero Error) चेक करें।
- इसे कटिंग टूल्स से अलग रखें ताकि इसकी सटीकता बनी रहे।
- मापन लेते समय मशीन को बंद करें।
- इसे सम्भलकर पकड़ें ताकि गिरने से सूक्ष्मता प्रभावित न हो।
- डैप्थ रॉड को कभी भी हैंडल के रूप में उपयोग न करें।