टॉलरेंस (Tolerance) किसी जॉब या पार्ट के बेसिक साइज में दी गई अधिकतम और न्यूनतम लिमिट के अंतर को कहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग कांसेप्ट है, जिसका उपयोग मशीनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइनिंग में किया जाता है। टॉलरेंस यह सुनिश्चित करता है कि पार्ट्स एक निश्चित सीमा के भीतर बने रहें, जिससे वे सही तरीके से फिट हो सकें और कार्य कर सकें।
टॉलरेंस क्यों आवश्यक है?
टॉलरेंस किसी भी जॉब की एक्युरेसी (Accuracy) और क्वालिटी (Quality) को बनाए रखता है।
यह उत्पादन में गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control) में मदद करता है।
विभिन्न भागों को परफेक्ट फिट करने और कार्यशीलता बनाए रखने के लिए टॉलरेंस आवश्यक होता है।
अत्यधिक टाइट टॉलरेंस उत्पादन लागत बढ़ा सकता है, जबकि बहुत अधिक ढीलापन कार्य में खराबी उत्पन्न कर सकता है।
टॉलरेंस जोन क्या है? (Tolerance Zone Kya Hai?)
जब किसी जॉब के साइज में दिए गए टॉलरेंस को ग्राफ या डायग्राम द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे टॉलरेंस जोन कहते हैं। यह एक प्रकार का क्षेत्र होता है जो दर्शाता है कि किसी पार्ट की माप किस सीमा के अंदर होनी चाहिए।
टॉलरेंस के प्रकार (Types of Tolerance)
टॉलरेंस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
1. यूनिलेटरल टॉलरेंस (Unilateral Tolerance)
इस प्रकार के टॉलरेंस में किसी जॉब के बेसिक साइज में केवल एक ही दिशा में विचलन (Deviation) होता है, जबकि दूसरी दिशा में विचलन शून्य (Zero) रहता है।
उदाहरण: यदि किसी जॉब का बेसिक साइज 50mm है और टॉलरेंस +0.05mm / 0.00mm दिया गया है, तो इसका मतलब है कि जॉब की अधिकतम साइज 50.05mm हो सकती है, लेकिन 50mm से कम नहीं हो सकती।
2. बाइलेटरल टॉलरेंस (Bilateral Tolerance)
इस प्रकार के टॉलरेंस में किसी जॉब के बेसिक साइज में दोनों दिशाओं में विचलन (ऊपर और नीचे) हो सकता है।
उदाहरण: यदि किसी जॉब का बेसिक साइज 50mm है और टॉलरेंस ±0.05mm दिया गया है, तो इसका अर्थ है कि जॉब की साइज 49.95mm से 50.05mm के बीच हो सकती है।
3. फंडामेंटल टॉलरेंस (Fundamental Tolerance)
इस टॉलरेंस सिस्टम को BIS (Bureau of Indian Standards) द्वारा 18 ग्रेड्स में विभाजित किया गया है, जो विभिन्न प्रकार की फिटिंग (Fitting) के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- इन ग्रेड्स को IT01, IT0, IT1, IT2……. IT16 द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
- छोटे ग्रेड नंबर (जैसे IT01, IT0, IT1) अत्यधिक सटीक टॉलरेंस को दर्शाते हैं।
- बड़े ग्रेड नंबर (जैसे IT10, IT12, IT16) कम सटीक टॉलरेंस को दर्शाते हैं।
- ये ग्रेड्स शाफ्ट (Shaft) और होल (Hole) दोनों के लिए समान रूप से लागू होते हैं।
उदाहरण: 30H7
- 30 → जॉब का बेसिक साइज (Basic Size)
- H → मूल विचलन (Fundamental Deviation)
- 7 → टॉलरेंस ग्रेड (Tolerance Grade)
टॉलरेंस का महत्व (Importance of Tolerance)
- इंटरचेंजबिलिटी (Interchangeability): पार्ट्स को बिना किसी बदलाव के एक-दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मैन्युफैक्चरिंग इफिशिएंसी (Manufacturing Efficiency): कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।
- परफेक्ट फिट और ऑपरेशन (Perfect Fit & Operation): मशीन और उपकरण सुचारू रूप से काम करते हैं।
- मटेरियल सेविंग (Material Saving): अनावश्यक मटेरियल वेस्टेज कम होता है।
सारांश
टॉलरेंस किसी भी मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुनिश्चित करता है कि बनाए गए पार्ट्स सही तरीके से फिट हों और उनका प्रदर्शन उच्चतम स्तर पर बना रहे। उचित टॉलरेंस न केवल उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखता है, बल्कि उत्पादन लागत को भी नियंत्रित करता है।