ट्राई स्क्वायर ( Try Square ) एक चैकिंग टूल है, यह दो भागों से मिलकर बना होता है, जिसमें पहला भाग ब्लेड तथा दूसरा भाग स्टॉक होता है। ब्लेड तथा स्टॉक को 90 डिग्री के कोण पर सेट किया जाता है, इसमें पहला भाग ब्लेड हाई कार्बन स्टील(High carbon steel) का बना होता है,तथा दूसरा भाग स्टॉक माइल्ड स्टील अथवा ढलवा लोहे का बना होता है।
ब्लेड 10 सेमी से 30 सेमी तक लम्बा होता है, इसकी सतह पर सेमी एवं मिमी अथवा इंचों चिन्ह अंकित होते हैं। ब्लेड प्लेन भी हो सकता है, 15 सेमी लम्बे ब्लेड को 10 सेमी लम्बे स्टॉक में लगाया जाता है,यह औजार वर्कशॉप की प्रत्येक शॉप में प्रयोग किया जाता है। परंतु बढ़ाईशाला एवं फिटिंगशाला (Fittingshop) में इसे विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
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ट्राई स्क्वायर के उपयोग
- दूरी मापने के लिए।
- सतह की समतलता जांचने के लिए।
- दो मिलने वाली सतहो के समकोण(90°) पर होने की जाँच(Check) करने के लिए।
- समांतर रेखाएँ(Lines) खींचने के लिए तथा उनकी जाँच करने के लिए।।
- आपस में लम्ब रेखाएँ खींचने के लिए।
ट्राई स्क्वायर के प्रकार
यह चार प्रकार के होते हैं-
(1.)(Fixed) या स्थिर ट्राई-स्क्वायर
इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर( Try Square ) में ब्लेड को स्टॉक के साथ 90 डिग्री के कोण पर रिवेट द्वारा जोड़ दिया जाता है, जिससे ब्लेड स्टॉक के साथ एक ही स्थान पर स्थिर रहता है, इसलिए इसे सॉलि़ड ट्राई स्क्वायर भी कहते हैं। इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर साधारण कार्यों(Simple work) के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। आमतौर पर यह ट्राई स्क्वायर 100मिमी से 150 मिमी साइज के प्रयोग में लाया जाता हैं।
(2.)समायोज्य ट्राई-स्क्वायर
इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर(Try Square)में ब्लेड को स्टॉक के साथ जोड़ा नहीं जाता है, बल्कि स्टॉक के ऊपरी सिरे पर एक खाँचा कटा होता है।जिसमें एक पिन फिट होती है, और पिन को एक नर्ल(knurle) किए हुए नट के द्वारा समायोजित किया जाता है। नट ब्लेड के बीच में पूरी लंबाई तक आयताकार आकार की नाली में फँस जाता है,और जब नट को घुमाया जाता है, तो वह ब्लेड को स्टॉक(Stock)के साथ ही कस देता है। इस प्रकार के Try Square का प्रयोग वहाँ किया जाता है,जहाँ पर स्थिर(Fixed)ट्राई स्क्वायर का प्रयोग नहीं हो सकता है।इस प्रकार के ट्राई-स्क्वायर में ब्लेड कहीं भी सेट किया जा सकता है, स्टॉक के दोनों ओर बने कोण समकोण होते हैं।
(3.)डाई-मेकर ट्राई-स्क्वायर
इसका उपयोग डाई(Die) व पंच(Punch)बनाने में किया जाता है, इसके स्टॉक में नीचे दो स्क्रू लगे होते हैं। इनमें से बड़ा स्क्रू ब्लेड को स्टॉक के साथ क्लैम्प(Clamp)करने के लिए किया जाता है। छोटा स्क्रू ब्लेड व स्टॉक के बीच बनने वाले कोण को समकोण(90°) से कुछ अधिक अथवा कम कोण पर व्यवस्थित करने के लिए होता है। इसकी उपयोगिता डाइयों में विभिन्न प्रकार के अवकाश कोण(Relief Angle) देने के लिए होती है। विभिन्न आकारों में मापने के लिए इसके सेट में चार ब्लेड होते हैं-
(1.)मानक ब्लेड
यह लगभग 12 मिमी चौड़ा तथा 65 मिमी लम्बा होता है।
(2.)Narrow Or संकीर्ण ब्लेड
यह लगभग 4 मिमी चौड़ा तथा 60 मिमी लम्बा होता है।
(3.)ऑफसैट ब्लेड
यह 3 मिमी चौड़ा होता है,इसके दोनों किनारे बेवेल होते हैं।
(4.)बेवेल ब्लेड
यह 12 मिमी चौड़ा होता है, इसके दोनों किनारे बेवेल रहते हैं,एक सिरा 45 डिग्री तथा दूसरा सिरा 30 डिग्री का कटा होता है।
(4.)’L’ स्क्वायर
यह प्रायः माइल्ड स्टील का बना होता है,जो यह 1.5मिमी मोटा तथा 30 से 50 मिमी चौड़ा और 150 से 200 मिमी लम्बा होता है, इसकी दोनों भुजा पर ब्रिटिश तथा मीट्रिक पद्धति के निशान बने होते हैं। इसका उपयोग (Use) अधिकतर राजमिस्त्री,बढ़ाई या दर्जी आदि के द्वारा किया जाता है।
ट्राई स्क्वायर की प्रयोग विधि
दो सतहों की वर्गता (Squareness) की जाँच(Check) करने से पहले इन दोनों सतहों की यह जाँच कर लेनी चाहिए। कि वह समतल है या नहीं। इस कार्य के लिए ट्राई स्क्वायर के ब्लेड का प्रयोग किया जाता है,जो बिल्कुल समतल तथा सीधा (Straight) होता है। यदि ब्लेड को सीधा जाब की सतह पर रखा जाए। तो सतह के समतल होने पर ब्लेड का किनारा पूरी लंबाई में जाब की सतह पर सट जाएगा।
ब्लेड का किनारा(Side) पूरी लंबाई में जॉब की सतह के संपर्क में है। अथवा नहीं। इसकी जाँच करने के लिए सतह ब्लेड के बीच या देखते हैं की प्रकाश गुजर रहा है अथवा नहीं। सम्पूर्ण सतह(Surface) के बिल्कुल समतल होने पर सतह और ब्लेड के किनारे के बीच ब्लेड की सम्पूर्ण लंबाई में कहीं से भी प्रकाश(Light) गुजरता हुआ दिखाई नहीं देगा।
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Thanks a lot sar ji