
transistor kya Hota hai
ट्रांजिस्टर आज की आधुनिक दुनिया के लिए एक वरदान साबित हुवा है। क्यों आज ज्यादातर इलेक्ट्रिक उपकरणों में इन्ही ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है। इसकी बहुत ही ज्यादा दक्षता होने के कारण इनका इस्तेमाल बहुत ज्यादा और बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह तक जो मोबाइल का कंप्यूटर आपके हाथ में है उसमे भी इन्ही ट्राजिस्टर का उपयोग किया गया है। तो आगे मैं आपको बताऊंगा कि ट्रांजिस्टर क्या है? और यह कितने प्रकार के होते है?
ट्रांजिस्टर क्या है?
ट्रांजिस्टर एक ठोस अवस्था युक्ति (solid state device) होता है, अर्थात् इसकी कार्यप्रणाली ठोस में आवेश वाहकों (charge carriers) के प्रवाह पर आधारित होती है। दुसरे शब्दो में कहे तो ट्रांजिस्टर एक अर्धचालक उपकरण (device ) होता है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक संकेतों और विद्युत शक्ति को बहुत ज्यादा बढ़ाने या स्विच करने में किया जाता है।
यह सिलिकॉन (Si) या जर्मेनियम (Ge) के क्रिस्टल से बना होता है जिसमें N- प्रकार के पदार्थ की एक परत को P- प्रकार के पदार्थ की दो परतों के मध्य सैण्डविच (Sandwich ) की भांति व्यवस्थित किया जाता है। इसी प्रकार P- प्रकार के पदार्थ की एक परत को N- प्रकार के पदार्थ की दो परतों के मध्य व्यवस्थित करके ट्रांजिस्टर तैयार किया जाता है।
ट्रांजिस्टर के अविष्कार से पहले वैक्यूम ट्रायोड (Vacuum triode) को प्रयोग किए जाते थे, परन्तु ट्रांजिस्टर ने इनका स्थान ले लिया हे क्योंकि ट्रांजिस्टर आकार में छोटे, वजन में हल्के तथा कम विभव पर कार्य करते हैं तथा इनमें कम शक्ति की आवश्यकता होती है। यह अधिक दक्षता वाली युक्ति (device) होती हैं, लेकिन इसकी कुछ कमियां भी होती हैं जैसे यह लगभग 75°C तापमान तथा कुछ MHz आवृत्ति तक ही कार्य कर सकते हैं ।
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ट्रांजिस्टर के प्रकार (TYPES OF TRANSISTOR)
ट्रांजिस्टर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-
(1) P-N-P (ii) N-P-N
(1) P-N-P ट्रांजिस्टर: जब एक N- प्रकार के पदार्थ की परत को दो P-प्रकार के पदार्थ की परतों के मध्य सैण्डविच किया जाता है तो P-N-P ट्रांजिस्टर प्राप्त होता है। इसे नीचे चित्र में दर्शाया गया है।

(ii) N-P-N ट्रांजिस्टर- जब P- प्रकार के पदार्थ की एक परत को N- प्रकार के पदार्थ की परतों के मध्य सैण्डविच किया जाता है तो प्राप्त ट्रांजिस्टर को N-P-N ट्रांजिस्टर कहते हैं। इसे नीचे चित्र में दर्शाया गया है।
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