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टेम्परिंग के प्रकार

टेम्परिंग के प्रकार

दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में टेम्परिंग के प्रकार इत्यादि के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।

टेम्परिंग के प्रकार

Tempering ke prakar
Tempering ke prakar

यह एक प्रक्रिया है, जो कि निम्न प्रकार की होती है-

1.प्वॉइण्ट टेम्परिंग (Point tempering)

इस प्रकार की टेम्परिंग में हार्डनिंग व टेम्परिंग दोनों एक साथ हो जाती हैं। टेम्परिंग की इस विधि को सिंगल हीट विधि भी कहते हैं।

किसी जॉब को टेम्पर करने के लिए जॉब को अपर क्रिटिकल प्वॉइण्ट तक गर्म करने के बाद पानी, तेल या अन्य किसी द्रव में लाल रंग समाप्त होने तक ठंडा करते हैं।

जब जॉब का लाल रंग समाप्त हो जाता है, तब जॉब को बाहर निकाल लेते हैं। जॉब की आन्तरिक ऊष्मा के कारण उस पर कुछ रंग आने लगते हैं और जॉब पर इच्छानुसार रंग मिलते ही दोबारा से जॉब को ठण्डा कर देते हैं।

2.सैंड बाथ टेम्परिंग (Sand bath tempering)

इस प्रकार की टेम्परिंग में बालू रेत को गर्म किया जाता है और उसके बाद जॉब को टेम्पर करने के लिए गर्म रेत में रखा जाता है।

जॉब को रेत में इस प्रकार रखा जाता है, कि जॉब का जो भाग टेम्पर करना है। वह भाग रेत से बाहर रहता है, उस भाग को रेत में नहीं ढका जाता है और जॉब के शेष भाग को गर्म रेत में ढक दिया जाता है।

गर्म रेत के कारण जॉब का खुला भाग अर्थात् टेम्पर करने वाला रंग बदलता रहता है, जिसको हम नग्न आंखों से आसानी से देखकर इच्छानुसार रंग प्राप्त करते ही। जॉब को ठंडा कर लेते हैं।

3.हॉट प्लेट टेम्परिंग (Hot plate tempering)

इस प्रकार की टेम्परिंग के बारे में नाम से ही जानकारी प्राप्त हो जाती है, क्योंकि इसमें हॉट प्लेट का मतलब गर्म प्लेट या चादर का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की टेम्परिंग सैंड बाथ टेम्परिंग के समान है।

इस प्रकार की टेम्परिंग का उपयोग पहले से हार्ड किए गए छोटे पुर्जों या टूल को टेम्परिंग करने के लिए किया जाता है।

इसके लिए सबसे पहले लोहे की मोटी व बड़ी प्लेट को लाल तप्त तक गर्म करते हैं। इसके बाद जॉब के जिस भाग को टेम्पर करना होता है, उस भाग को प्लेट से बाहर रख दिया जाता है और शेष भाग को प्लेट पर रख दिया जाता है।

जॉब के बाहर निकले भाग पर गर्म प्लेट से ऊष्मा पहुँचती है। जिसके कारण यह रंग बदलता रहता है और जब इच्छानुसार रंग प्राप्त हो जाता है, तब जॉब या पुर्जे को पानी में डुबोकर ठंडा कर लेते हैं।

4.लैड बाथ टेम्परिंग (Lead bath tempering)

इस प्रकार की टेम्परिंग में सबसे पहले लैड तथा टिन को 5 : 7 के अनुपात में मिलाकर गर्म करके पिघला लेते हैं। इसके बाद जॉब के जिस भाग को टेम्पर करना होता है, उस भाग को छोड़कर जॉब के शेष भाग को पिघले हुए मिश्रण में डुबोते हैं।

मिश्रण के गर्म होने के कारण जॉब भी गर्म होने लगता है और रंग बदलने लगता है। अंत में जब जॉब में इच्छानुसार रंग प्राप्त हो जाता है, तब जॉब को उचित माध्यम द्वारा ठंडा कर लेते हैं।

दोस्तों, यदि आपको टेम्परिंग के प्रकार पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं और अपने दोस्तों को शेयर करें।

More Information:- टेम्परिंग क्या है?

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