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सॉफ्ट स्किल्स ( SOFT SKILLS ) और समय प्रबंधन की महत्त्वता-

सॉफ्ट स्किल्स ( SOFT SKILLS ) और समय प्रबंधन की महत्त्वता-

समय के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल कैरियर ( Career ) के निर्माण या उसे दिशा देने में पर्याप्त क्षमता वाले साधन के रूप में उभरकर सामने आया है। सामान्यतया देखा जाता है कि कुछ लोग ( लगभग 40 % ) तकनीकी में पूर्णतया निपुण होते हैं, परन्तु उनके कैरियर में एक निश्चित बिन्दु के बाद ठहराव – सा आ जाता है।

यह इसलिए होता है क्योंकि उनमे नेतृत्व क्षमता ( Leadership ), समूह में काम करना, सामाजिक सम्प्रेषण तथा सम्पर्क निर्माण आदि कौशलों का अभाव होता है। सॉफ्ट स्किल एक व्यापक क्षेत्र है जिसमे सम्प्रेषण कौशल, श्रवण कौशल टीम कौशल, नेतृत्व के गुण, सृजनात्मकता और तर्कसंगति समस्या निवारण कौशल तथा परिवर्तनशीलता आदि सम्मिलित है।

सॉफ्ट स्किन को पुस्तकों से नहीं सीखा जा सकता है परन्तु औपचारिक प्रशिक्षण निश्चित रूप से आपको कुशल बना सकता है। रोजगार की संभावनाओं और व्यक्तित्व में सुधार के लिए निम्न सॉफ्ट रिकल का होना आवश्यक है

सॉफ्ट स्किल्स ( SOFT SKILLS ) और समय प्रबंधन की महत्त्वता-
  1. व्यक्तिगत कौशल ( Personal Skill ) : समाज और कार्य क्षेत्र में स्वीकार्य एवं सम्मान योग्य बनाने एक अच्छा रोजगार प्राप्त करने तथा बेहतर कैरियर विकास में व्यक्तिगत कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यक्तिगत कौशलयुक्त व्यक्ति में निर्णय करने की योग्यता चौकसी निश्चयात्मकता, शांति वचनबद्धता, सहयोग, भावुक स्थिरता, लचीलापन उदारता सहनशीलता आत्मविश्वास आत्म नियंत्रण आत्मनिर्भरता, आत्म – सम्मान, ईमानदारी आदि होते हैं।
  2. प्रभावी सम्प्रेषण कौशल ( Effective Communication Skill ): प्रभावी सम्प्रेषण कौशल में सार्वजनिक भाषण प्रस्तुतिकरण, बातचीत, संघर्ष समाधान, ज्ञान बांटना आदि के लिए मौखिक कौशल रिपोर्ट प्रस्ताव अनुदेश मैनुअल तैयार करना . ज्ञापन, सूचनाएं लिखना कार्यालयी पत्रव्यवहार आदि के लिए लेखन कौशल शामिल हैं इनमें मौखिक तथा गैर मौखिक दोनों प्रकार के सम्प्रेषण सम्मिलित है। चूंकि हमारा सम्प्रेषण का अधिकारिक माध्यम अंग्रेजी है, इसलिए इसमें दक्ष होना आवश्यक है। अतः छात्रों को बहुराष्ट्रीय और प्रतिष्ठित कम्पनियों में प्लेसमेंट के लिए अंग्रेजी भाषा की प्रैक्टिस आवश्यक है।
  3. समस्या निदान एवं अन्य ज्ञानात्मक कौशल ( Problem Solving and other Cognitive Skill ): अपने रोजमर्रा के जीवन में अक्सर आपको ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब आप सही फैसले करने में असमर्थ होते हैं आपके सामने ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होने की ज्यादातर संभावनाएं उस समय होती है जब आप किसी संगठन में कार्य करते हैं। ऐसी दबावपूर्ण परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए आपको कुछ ऐसे कौशल विकसित करने की आवश्यकता है जो आपको निर्णय लेने सृजनात्मक एवं अन्वेषणात्मक समाधान विकसित करने, व्यावहारिक हल ढूंढने, समस्याओं का स्वतंत्र रूप से पता लगाने एवं उनको हल करने और विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं के निदान में कार्य – नीतियां लागू करने में मददगार हो सकते है।
  4. अंतर वैयक्तिक और सामूहिक कार्य कौशल ( Inter – Individual and Group Working Skill ) : अंतर वैयक्तिक और सामूहिक कार्य कौशल उच्चतर उत्पादकता तथा बेहतर वातावरण के लिए उत्तरदायी होता है। क्योंकि इनसे व्यक्ति लक्ष्य हासिल करने हेतु मिलकर कार्य करते हैं। सामान्यतः इन कौशलों को पढ़ाए जाने की आवश्यकता होती है अथवा प्रैक्टिस और जागरूकता से इन्हें सीखा जा सकता है। इस कौशल को सीखने के लिए निम्न चार बिन्दुओं को समझना आवश्यक है-
    1. सहयोग ( Cooperation ): इसमें विचारों पर समझौते की योग्यता टीम सदस्यों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार और टीम में सर्वसम्मति से कार्य करना आदि को सम्मिलित किया गया है।
    2. सम्प्रेषण ( Communication ) : इसमें टीम सदस्यों के बीच एक गतिशील पारस्परिक क्रिया की स्थापना, फीडबैक का आमंत्रण तथा उसे प्रदान करना, संघर्ष की स्थिति को हल करना आदि को सम्मिलित किया गया है।
    3. नीतिशास्त्र ( Work Ethics ): इसमें सौंपे गए कार्य हेतु जिम्मेदारी स्वीकार करना, कोई भी सौंपे गए कार्य को समय पर करना, अन्य टीम सदस्यों को यथापेक्षित सहायता प्रदान करना आदि को सम्मिलित किया गया है।
    4. नेतृत्व ( Leadership ) इसमें कारवाई की शुरूआत करना, अवधारणाओं का स्पष्टीकरण, समस्या निदान, गतिविधियों तथा परिणामों का संक्षेपण करना आदि सम्मिलित किया गया है।
  5. अनुकूलनशीलता एवं कार्य नीति – शास्त्र ( Adaptability and Work Ethics ) : आधुनिक संगठन में कार्यरत कोई कर्मचारी न केवल कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार होना चाहिए बल्कि उसमें लचीलेपन के साथ – साथ तेजी से हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप ढलने की योग्यता भी होनी चाहिए। अतः अनुकूलनशीलता के लिए निम्न कौशल की आवश्यकता होना आवश्यक है-
    1. विभिन्न संस्कृतियों के बीच सम्प्रेषण तैयार करना।
    2. विश्वास एवं धारणा संबंधी प्रणालियों का सम्मान करना।
    3. कार्यस्थल पर जातीय / सांस्कृतिक भेदभाव से बचना आदि। कार्यनीति शास्त्र में विश्वसनीय बनना सामाजिक कौशलों के लिए काम करना और उन्हें बरकरार रखने की कला को शामिल किया जा सकता है। इनके अलावा जिम्मेदारी की अनुभूति, ईमानदारी और वचनबद्धता को भी इनमें शामिल किया जा सकता है।
  6. समय प्रबंधन ( Time Management ) : प्रत्येक संगठन ( Organization ) के लिए समय प्रबंधन ( Time Management ) बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। बड़ी – बड़ी कम्पनियां अपना अधिकाशं ध्यान ( Focus ) समय पर देती हैं। किसी भी मैनेजर या कर्मचारी को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देते हुए समय को व्यवस्थित करना चाहिए। समय का सही प्रबन्धन ही व्यक्ति को सफल बना सकता है चाहे वह छात्र हो अथवा उच्च स्तर का अधिकारी हो समय का उचित प्रबन्धन न होना असफलता का कारण बनता है।

मय प्रबंधन की महत्त्वता ( Importance of Time Management )

किसी भी कम्पनी या व्यवसाय के लिए समय बहुत महत्त्वपूर्ण संसाधन ( Resource ) होता है। इसे संग्रह करके रखा नहीं जा सकता है। यह एक बार यदि हाथ से निकल जाए तो इसे पुनः प्राप्त करना असम्भव होता है इसलिए समय का सदुपयोग करने के लिए इसे पहले से ही प्लान ( Plan ) कर लेना चाहिए तथा बुद्धिमत्तापूर्वक उपयोग करना चाहिए। कुछ लोग काम को तेज करने में विश्वास रखते हैं और कुछ लोग काम को लम्बा खींच देते हैं। ये दोनों ही गलत समय प्रबन्ध को इंगित करते हैं। तीव्र गति से काम करने से गलतियों की संभावना रहती है और धीमी गति से काम करना व्यक्ति को थका देता है। सफल ( Successful ) मैनेजर समय को कीमती संसाधन की तरह उपयोग करते हैं।

किसी भी संगठन ( Organization ) की उत्पादकता को प्रभावी समय प्रबंधन ( Effective Time Management Program ) के जरिए बढ़ाया जा सकता है। समय प्रबंधन किसी कार्य को प्रभावी और दक्षतापूर्वक करने में मदद करता है। यह जीवन के विभिन्न पहलूओं को संतुलित करने में भी मदद करता है और बाधाओं का विश्लेषण ( Analyze ) करने में भी मदद करता है।

वर्तमान में संगठन ( Organizations ) में कठिन लक्ष्यों और इन्हें समय पर पूरा करने के कारण समय का दबाव ( Time Pressure ) बहुत बढ़ गया है। इसलिए समय प्रबंधन किसी भी संस्था के उत्पादन में बहुत बड़ा योगदान देता है। तकनीक में सुधार के साथ ही समय प्रबन्ध की महत्त्वता और बढ़ गई है। आजकल इन्टरनेट, ई – मेल, मोबाइल आदि से सूचनाओं का आदान – प्रदान तुरंत हो जाता है जिससे कोई भी निर्णय लेने में समय कम लगता है Senm )

  1. उत्तरदायित्व ( Accountability ) : उत्तरदायी व्यक्तियों की सोच वहां शुरू होती है, जहां दूसरों की सोच समाप्त हो जाती है। उत्तरदायी व्यक्ति हमेशा नए विचारों, नई संभावनाओं की खोज में रहते हैं जैसे नए बाजार, नए उपभोक्ताओं का समूह, नया उत्पाद अतः कर्मचारियों की कार्य संतुष्टि को बनाए रखने तथा उन्नत बनाने की दिशा में एक उपाय यह है कि कर्मचारियों को उनके कार्य का उत्तरदायित्व सौंप दिया जाना चाहिए। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि जब कर्मचारी अपने कार्य के प्रति उत्तरदायित्व महसूस करने लगते हैं तो उनका मनोबल बढ़ जाता है जिसके परिणाम स्वरूप कार्य संतुष्टि बढ़ती है। चित्र ( 1.33 ) में सॉफ्ट स्किल की आवश्यकताओं को दर्शित किया गया है।

सॉफ्ट स्किल का महत्त्व ( Importance of Soft Skill )

सॉफ्ट स्किल आज के दौर की मांग है सॉफ्ट स्किल के गुणों के कारण-

  1. आप आपकी बेहतर छवि बनाते हैं ।
  2. प्रमोशन में मदद पाते हैं।
  3. बेहतर नौकरी हासिल करते हैं।
  4. बेहतर व्यक्तित्व के स्वामी बनते हैं।
  5. प्रशिक्षण के रूप में शिक्षण कार्य पाते है।

प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान ( Main Training Institutes )

सॉफ्ट स्किल पाठ्यक्रम संचालित करने वाले बहुत से संस्थान है। इनमें से सॉफ्ट स्किल में लघु प्रशिक्षण पाठयक्रम संचालित करने वाले कुछ संस्थान निम्नानुसार है

  1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रूड़की
  2. वेबसाइट : www.iitr.ac.in
  3. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
  4. वेबसाइट www.iitk.ac.in
  5. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
  6. वेबसाइट www.iitkgp.ac.in
  7. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग, चंडीगढ़
  8. वेबसाइट : www.nittrchd.ac.in
  9. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग कोलकाता
  10. वेबसाइट www.nittrkol.ac.in
  11. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग, भोपाल
  12. वेबसाइट www.nitttrbhopal.org

सॉफ्ट स्किल्स से संबंधित कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान निम्न हैं-

  1. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड मैनेजमेंट
  2. वेबसाइट www.theiitm.com
  3. इंस्टीट्यूट फॉर सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट
  4. वेबसाइट www.softskillsinstitution.com
  5. इमेज कंसल्टिंग बिजनेस इंस्टीट्यूट,
  6. वेबसाइट www.imageconsultinginstitute.com

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद रोजगार ( Job after Completion of Training )

सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात् कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक या निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान में रोजगार प्राप्त कर सकता है अथवा अपना स्वयं का प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर सकता है।

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