रिवेटिंग जोड़ के बारे में
Riveting joints in hindi:-Welcome My Website- iticourse.com दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में रिवेटिंग जोड़ के बारे में पूरी जानकारी दी है।
रिवेटिंग जोड़ क्या है?
“किसी धातु चादरों या प्लेटों को रिवेट से जोड़ना रिवेटिंग जोड़ कहलाता है।”
रिवेटिंग जोड़ के प्रकार
यह निम्न दो प्रकार के होते हैं-
1.लैप जोड़
इस प्रकार के जोड़ में चादरों के किनारे को एक दूसरे के ऊपर रखकर रिवेटिंग की जाती है। और इसमें कहीं पर भी कोई भी चादर का टुकड़ा नहीं लगाया जाता है। और चादरों के ज्वॉइण्टों या चादरों (sheets) को मजबूती से जुड़े रहने के लिए एक, दो या तीन पंक्तियां रिवेट (rivet) की लगाई जाती हैं। इसलिए हम लोग सिंगल रिवेटिड लैप जोड़, डबल रिवेटिड लैप जोड़ कहते हैं।
इन्हें भी पढ़ें:- आउटसाइड कैलिपर क्या है?
डबल रिवेटिड लैप जोड़ दो प्रकार के होते हैं-
- जिग जैग
- चेन टाइप
2.बट जोड़
इस प्रकार के जोड़ में चादरों के किनारों को आपस में मिलाकर ऊपर से एक और चादर का टुकड़ा रखकर रिवेटिंग करते हैं। ऊपर से रखने वाले चादर के टुकड़े के स्ट्रैप कहते हैं। इसमें भी मजबूती के अनुसार एक या दो चादर या स्ट्रैप लगाते हैं। जिससे हमें जोड़ में आवश्यकता के अनुसार मजबूती मिल जाती है। और इसमें भी सिंगल रिवेटिड ओर डबल रिवेटिड जोड़ बनाते हैं। इन सिंगल व डबल रिवेटिड जोड़ से भी हमें मजबूती मिलती है।
रिवेट के व्यास को कैसे चुनें?
रिवेट की शैंक का व्यास चादर या प्लेट की मोटाई के आधार पर रखा जाता है। रिवेट की शैंक का व्यास ‘d’ से प्रदर्शित करते हैं, और चादर की मोटाई को ‘t’ से प्रदर्शित करते हैं।
रिवेट की शैंक का व्यास निकालने के लिए निम्न सूत्रों का उपयोग किया जाता है।
जब प्लेट की मोटाई मीट्रिक पद्धति (metric system) में दी हो तब रिवेट की शैंक का व्यास (d) = 6 √t
जब प्लेट की मोटाई ब्रिटिश पद्धति में दी हो तब रिवेट की शैंक का व्यास (d) = 1.2 √t से 1.4 √t
सामान्यतः उपयोग में आने वाले प्लेट की मोटाई और रिवेट की शैंक के व्यास की लिस्ट नीचे दी है-
इन्हें भी पढ़ें:- ट्विस्ट ड्रिल क्या है? इसके प्रकार
प्लेट या चादर की मोटाई | रिवेट की शैंक का व्यास |
8 | 17 |
9 | 18 |
10 | 19 |
11 | 20 |
12 | 21 |
14 | 22 |
16 | 24 |
18 | 25 |
20 | 27 |
22 | 28 |
25 | 30 |
More Information:- ड्रिल मशीन पर ऑपरेशन
My Website:- iticourse.com
इन्हें भी पढ़ें:- रिवेट के बारे में
4 thoughts on “रिवेटिंग जोड़ के बारे में”