पिस्टन (Piston) किसे कहते हैं?
दोस्तों, आईटीआई कोर्स डॉट कॉम में आपका स्वागत है, आज की इस पोस्ट में पिस्टन (Piston) किसे कहते हैं? पिस्टन किस धातु का बना होता है? पिस्टन की विशेषताएं व पिस्टन का वर्किंग प्रोसेस इत्यादि के बारे में बताया है। यदि आप यह सभी जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पढ़िए और जानकारी प्राप्त कीजिए।
पिस्टन किसे कहते हैं? (Piston kise kahate hain?)
पिस्टन, इंजन (Engine) का महत्वपूर्ण भाग होता है, जो कि इंजन के अंदर फिट किया गया होता है। यह इंजन के वर्किंग प्रोसेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस आकृति का कांच का बीकर होता है, ठीक उसी आकृति का पिस्टन (Piston) भी होता है।

पिस्टन सिलेंडर (Piston Cylinder) के अंदर गतिमान रहकर पावर उत्पन्न करता है और जब इंजन पावर या शक्ति उत्पन्न करता है, तब सबसे पहले पिस्टन (Piston) को ही तेज झटका सहन करना पड़ता है अतः पिस्टन की संरचना झटकारोधी होनी चाहिए।
पिस्टन किस धातु का बना होता है?
पिस्टन प्रायः आवश्यकतानुसार या इंजन की दक्षता के अनुसार निम्न धातुओं के बनाए जाते हैं-
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- ढलवां लोहा (Cast Iron)
- ढलवां इस्पात (Cast Steel)
- एल्यूमीनियम (Aluminium)
एल्यूमीनियम अलॉय के पिस्टन (Piston) इसलिए बनाए जाते हैं, जब उच्च ऊष्मीय दक्षता व कम भार वाले पिस्टन की आवश्यकता होती है।
यह पिस्टन प्रायः ढलाई या फोर्जन क्रियाओं द्वारा बनाए जाते हैं। ढलाई किए हुए पिस्टन हल्के व दृढ़ होते हैं।
पिस्टन की विशेषताएंं
यह निम्न प्रकार से हैं-
- यह शाफ्ट होता है।
- पिस्टन की सर्फेस को सुपर फिनिश किया जा सकता है।
- इसका भार हल्का होता है।
- इसके चलने पर किसी भी प्रकार की आवाज या ध्वनि उत्पन्न नहीं होती है।
- पिस्टन (Piston) चलने पर उत्पन्न होने वाली पावर व ऊष्मा से अधिक आयतन में नहीं फैलता है।
- यह जंगरोधी होता है।
- यह ऊष्मा का अच्छा सुचालक होता है।
- इसमें घिसाव अधिक नहीं होता है।
- पिस्टन अधिक महंगा नहीं होता है।
पिस्टन का वर्किंग प्रोसेस
दोस्तों, प्रत्येक इंजन की अपनी-अपनी वर्किंग क्वालिटी होती है और कुछ इंजन की बनावट में भी भिन्नता होती है।
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इंजन के वर्किंग प्रोसेस की स्पीड इंजन की बनावट और उसके फायरिंग ऑर्डर पर निर्भर करता है।
इंजन के स्टार्ट होते समय जैसे ही इंजन अंदर लगे सिलेंडर ब्लॉक में आग लगती है तब पिस्टन (Piston) पर दाब पड़ने लगता है जिसके कारण पिस्टन नीचे जाने लगता है। इसके बाद फिर पिस्टन पर ऊपर की ओर गति होती है जिसके कारण पिस्टन सिलेंडर ब्लॉक (Cylinder block) के अंदर स्थित हवा को दबाता है और दबे हुए हवा में तेल का छड़काव होता है। जिसके बाद फिर फायरिंग होता है अर्थात् आग लगती है, तब फिर पिस्टन दाब पड़ने लगता है, इस प्रकार पिस्टन (Piston) ऊपर नीचे गति करता रहता है।
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More Information:- इंजन (Engine) किसे कहते हैं? इंजन के भाग
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