पैटर्न क्या है? | प्रकार
यह एक प्रकार टूल होता है, जिसका उपयोग कास्टिंग ( Casting ) प्रक्रिया में किया जाता है। इस प्रक्रिया में हम बिना पैटर्न के ऑब्जेक्ट को नहीं बना सकते हैं। पैटर्न टूल संपूर्ण कास्टिंग प्रोसेस के दौरान एक प्रंसिपल टूल का काम करता है। पैटर्न को हम लोग कैविटी बनाने के लिए प्रयोग करते हैं, जिसमें पिघले हुए मैटीरियल को ढाला जाता है।

इसके अतिरिक्त पैटर्न को सैंड कास्टिंग में उपयोग किया जाता है। यह लकड़ी, मेटल, प्लास्टिक और अलग-अलग मैटीरियल के बना जा सकते हैं। पैटर्न के मैटीरियल का चुनाव फाइनल ऑब्जेक्ट के आधार पर किया जाता है। जैसा हमको फाइनल ऑब्जेक्ट बनाना होता है, उसी के हिसाब से हम पैटर्न का मैटीरियल उपयोग करते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस और वैक्स से भी पैटर्न को बनाते हैं। कभी -कभी जरूरत के हिसाब से पैटर्न बनाने में मेटल अलॉय का उपयोग करते हैं।
पैटर्न के प्रकार | Pattern ke Prakar
- सॉलिड और सिंगल पीस पैटर्न
- लूज पीस पैटर्न
- स्प्लिट पीस पैटर्न
- गेटेड पैटर्न
- मैच प्लेट पैटर्न
- स्वीप पैटर्न
- सेगमेंटल पैटर्न
- फॉलो बोर्ड पैटर्न
इन सभी के बारे में विस्तृत से नीचे जानकारी दी गई है, जो कि इस तरह से है।
सॉलिड और सिंगल पीस पैटर्न
यह एक सरल पैटर्न होता है, जिसका उपयोग बड़ी कॉस्टिंग ऑब्जेक्ट को बनाने में किया जाता है। इसके द्वारा बनाए गए सभी ऑब्जेक्ट शेप व साइज में सिंपल से होते हैं। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग स्टीम इंजन का सफिंग बॉक्स बनाने में किया जाता है।
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लूज पीस पैटर्न
इसका उपयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है, जहां पर ऑब्जेक्ट की बहुत जटिल शेप होती है और इसके अतिरिक्त उसमें इंटर्नल प्रोजेक्शन व अंडरकट भी बने होते हैं। ऐसे में मोल्ड को निकालना बहुत मुश्किल होता है। इस समस्या से बचने के लिए इंटर्नल प्रोजेक्शन व अंडरकट को लूज पीस में बना लेते हैं। इसके बाद उनको फिर बाहर निकाल लेते हैं। ऑब्जेक्ट के मुख्य भाग को निकाल लेने के बाद जटिल ऑब्जेक्ट को बनाना आसान हो जाता है।
स्प्लिट पीस पैटर्न
जब पैटर्न में जटिलता बहुत अधिक होती है, तब उसको मोल्ड से बाहर निकालना बहुत मुश्किल होता है। हम अपने पैटर्न को कई भागों में तोड़ देते हैं अर्थात् स्प्लिट करते हैं। जिससे पैटर्न को आसानी से बाहर निकाला जा सके। इस पैटर्न से जटिल कास्टिंग बनाई जाती है और बड़ी कास्टिंग बनाई जाती है जिसकी गहराई अधिक होती है।
गेटेड पैटर्न
इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब यह पैटर्न नहीं था तब कैविटी में रनर और गेट को बनाना बहुत मुश्किल था। इसलिए इस समस्या से बाहर निकलने के लिए सिंगल पैटर्न की तरह नंबर ऑफ पैटर्न को गेटिंग एलीमेंट के साथ बनाया गया। जब मोल्ड बनाने के बाद पैटर्न को हटाया जाता है, तब गेटिंग एलीमेंट के साथ कैविटी बनती है। जिसमें आसानी से ऑब्जेक्ट को कम समय में बनाया जा सकता है। इस पैटर्न का उपयोग प्रोडक्शन के लिए करते हैं।
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मैच प्लेट पैटर्न
जब हमें कभी जटिल शेप के ऑब्जेक्ट का मास प्रोडक्शन करना होता है, तब इस पैटर्न का उपयोग किया जाता है। इसमें नंबर ऑफ पैटर्न को स्प्लिट किया जाता है। इसका उपयोग स्माल कास्टिंग जिसकी डायमेंशनल एक्युरेसी बहुत अच्छी हो, उसको बनाने में किया जाता है। इसको इसके अतिरिक्त मशीन मोल्ड के लिए भी उपयोग करते हैं।
स्वीप पैटर्न
इसमें 2-D प्लेन पैटर्न का उपयोग करके जटिल 3-D मोल्ड कैविटी को बनाते हैं। इसमें 2-D पैटर्न की 3-D पैटर्न बनाने के लिए एक एज को घुमाते हैं। इस पैटर्न का उपयोग कम समय में लंबी साइज की कास्टिंग बनाने के लिए किया जाता है।
सेगमेंटल पैटर्न
यह और स्वीप पैटर्न काफी हद तक एक समान होते हैं। इसमें भी पैटर्न को घुमाते हैं। इसमें यह अंतर रहता है कि सेगमेंटल पैटर्न में पूरे पैटर्न का सिर्फ एक सेगमेंट प्रयोग होता है।
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फॉलो बोर्ड पैटर्न
इसका उपयोग कुछ खास काम के लिए करते हैं। जब पैटर्न में कोई स्ट्रक्चरली कमजोर मेंमर होते हैं तब फॉलो बोर्ड पैटर्न का उपयोग करके पैटर्न को मोल्ड से भीतर की तरफ से सपोर्ट देते हैं। किसी कंडीशन में फॉलो बोर्ड पैटर्न के स्थान पर कोर का भी उपयोग कर सकते हैं। फॉलो बोर्ड व मोल्ड कैविटी बनाने के लिए अलग-अलग मैटीरियल का उपयोग किया जाता है। अधिकतर फॉलो बोर्ड लकड़ी के बने होते हैं क्योंकि इसका काम प्रोसेस में कमजोर स्ट्रक्चर को सपोर्ट देने का होता है। यह सपोर्ट इसलिए दिया जाता है, ताकि कास्टिंग करते समय बल लगने पर कास्टिंग स्ट्रक्चर टूटे नहीं।