
ड्रिल मशीन पर ऑपरेशन
drill machine operations in hindi:- Welcome My Website- iticourse.com दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में ड्रिल मशीन पर ऑपरेशन के बारे में पूरी जानकारी दी है।
ड्रिल मशीन पर किए जाने वाले आपरेशन
यह निम्न प्रकार से हैं-
1.ड्रिलिंग
किसी भी जॉब पर मार्किंग करने के बाद सेंटर लगाकर या जिग, फिक्स्चर का उपयोग करके ड्रिल टूल द्वारा बेलनाकार सुराग करने की प्रक्रिया को ड्रिलिंग कहते हैं।
2.स्पॉट फेसिंग
इस प्रक्रिया में पहले से बने हुए सुराग या होल के ऊपरी सिरे पर स्पॉट फेसिंग टूल के द्वारा वाशर के आकार का ग्रूव बनाया जाता है।
3.काउण्टर सिंकिंग
इस प्रक्रिया में किसी जॉब में पहले से बने हुए होल का ऊपरी सिरा बड़े ड्रिल के द्वारा ‘V’ आकार में चैम्फर कर दिया जाता है। चैम्फर करने के लिए काउण्टर सिंकिंग टूल को उपयोग में लाया जाता है। और यह ऐसा इसलिए किया जाता है, कि जब स्क्रू लगाया जाए तो स्क्रू का ऊपरी सिरा अर्थात् हैड बाहर न रहे।
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4.बोरिंग
इस प्रक्रिया में पहले से किए गए होल को सिंगल प्वॉइण्ट टूल के द्वारा बड़ा किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, कि एक बार में किसी भी जॉब पर ज्यादा बड़ा होल नहीं किया जा सकता है। इसलिए पहले छोटा होल उसके बड़ा होल किया जाता है।
5.काउण्टर बोरिंग
इस प्रक्रिया को करने के लिए काउण्टर बोर टूल का उपयोग किया जाता है। और इस टूल के आगे वाले भाग में पायलट बना होता है। इस प्रक्रिया में किसी जॉब में पहले से बनाए गए होल का ऊपरी सिरा कुछ गहराई तक बड़ा बनाया जाता है।
6.रीमिंग
इस प्रक्रिया में किसी जॉब में ड्रिल द्वारा होल करने के बाद बने खुरदरे होल को रीमर टूल द्वारा फिनिश किया जाता है।
7.टैपिंग
इस प्रक्रिया में किसी जॉब में रीमिंग के बाद टैप के द्वारा अन्दरूनी चूड़ी काटी जाती हैं। और ड्रिल मशीन पर सिर्फ मशीन टैप ही उपयोग में लाया जाता है।
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8.ट्रैपनिंग
इस प्रक्रिया में किसी जॉब में पहले से बने हुए होल के चारों ओर रिंग के आकार का खाँचा बनाया जाता है। यह खाँचा रबर वाशर फँसाने के काम में लाया जाता है।
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