ड्रिल, आकृति के आधार पर दस प्रकार के होते हैं। इनका उपयोग निश्चित स्थान या जॉब पर ड्रिलिंग करने या होल करने के लिए किया जाता है। (drill ke prakar in hindi)
ड्रिल के प्रकार
यह निम्न प्रकार से हैं-
1.फ्लैट ड्रिल
इसका उपयोग हैण्ड ड्रिल मशीन में किया जाता है। और इसके द्वारा रैचेट ब्रेस के साथ मुलायम धातु व लकड़ी में होल किया जाता है। यह हाई कार्बन स्टील का बना होता है। इसमें दो कटिंग एज होते हैं, इसकी कटिंग एज स्ट्रेट में होती है।
2.ऑयल होल ड्रिल
इसका दूसरा नाम इन बैरल ड्रिल है। इस ड्रिल की बॉडी में होल होता है। यह होल कटिंग एज तक जाता है। इस होल के माध्यम से कटिंग एज को कटिंग ऑयल या कम्प्रेश्ड हवा पहुंचाई जाती है। जिससे कटिंग एज गर्म नहीं होती है। और ड्रिल की लाइफ बढ़ जाती है।
3.स्ट्रेट फ्लूटेड ड्रिल
इसका उपयोग मुलायम धातुओं को ड्रिल करने के लिए किया जाता है। इसमें दो फ्लूट्स होते हैं, जो कि एक-दूसरे के विपरीत दिशा में होते हैं। और यह फ्लूट्स एक-दूसरे की अक्ष के समांतर रहते हैं। यह ड्रिल दो प्रकार के होते हैं, स्ट्रेट शैंक व टेपर शैंक।
4.सेंटर ड्रिल
यह हाई स्पीड स्टील के बने होते हैं। इसको कॉम्बीनेशन ड्रिल भी कहते हैं। इस ड्रिल के दोनों सिरों पर सेंटर लगाने के लिए कटाई कोर बनी होती है। और इसके बीच का भाग प्लेन व बेलनाकार होता है, इसके प्लेन भाग का व्यास 0.5 मिमी तक होता है। और इसके बेलनाकार भाग का व्यास 3.5 मिमी से 25 मिमी तक होता है।
5.टेपर शैंक कोर ड्रिल
इस ड्रिल का उपयोग पहले से बनाए गए होल को बड़ा करने के लिए किया जाता है। इसकी बॉडी पर तीन या चार स्पाइरल आकार के फ्लूट्स बने होते हैं। इसके द्वारा नया होल नहीं बनाया जा सकता है।
6.ट्विस्ट ड्रिल
यह ड्रिल हाई कार्बन स्टील व हाई स्पीड स्टील के बनाए जाते हैं। इसमें फ्लूट्स स्पाइरल शेप के बने होते हैं। और इन फ्लूट्स के बीच में पर्याप्त क्लीयरैन्स दिया गया होता है। जिससे धातु छीलन आसानी से बाहर आ जाती है। और कटिंग ऑयल भी आसानी से कटिंग एज तक पहुंच जाता है।
7.काउण्टर सिंक ड्रिल
इसका उपयोग छोटे व्यास के होल को काउण्टर सिंक करने के लिए किया जाता है। इसमें चार या इससे अधिक फ्लूट्स होते हैं। वैसे तो यह एक मल्टी फ्लूट्स ड्रिल है। यह यह स्ट्रेट शैंक व टेपर शैंक दोनों प्रकार के होते हैं। इसमें एक पायलट के साथ काउण्टर सिंक ड्रिल भी होता है। इसका उपयोग अधिक एक्युरेसी में काउण्टर सिकिंग के लिए किया जाता है।
8.काउण्टर बोर ड्रिल
इस ड्रिल का उपयोग ऐलन बोल्ट के लिए किया जाता है। इस ड्रिल में एक निश्चित लम्बाई के बाद काउण्टर बोर करने के लिए एक बड़ा आकार होता है। इसमें आगे का छोटा आकार पहले होल करता है, इसके बाद बड़ा आकार उसे बोर करके बड़ा करता है। इसके छोटे वाले आकार को पायलट के नाम से जाना जाता है।
9.मल्टी-डायमीटर ड्रिल
इस ड्रिल की बॉडी दो या तीन अलग-अलग डायामीटर से बनी होती है। इसलिए इसे मल्टी-डायमीटर ड्रिल कहते हैं। इसके ड्रिल के द्वारा एक बार में ही दो या तीन अलग-अलग डायामीटर के होल बनाए जा सकते हैं। यह स्ट्रेट व टेपर शैंक में मिलते हैं।
10.स्पाइरैक ड्रिल
इस ड्रिल का उपयोग डीजल इंजन के नोजिल, पम्प स्टोव या गैस के निप्पिल में होल करने के लिए किया जाता है। इस ड्रिल से बहुत एक्युरेसी में ड्रिलिंग होती है। यह बाजारों में नम्बर आकारों में मिलते हैं। और इसका व्यास 0.0086 इंच से 0.0984 इंच तक होता है।
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