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कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम किसे कहते हैं? | प्रकार | कार्य

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

एक ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर, वेब सर्वर, कार, नेटवर्क टावर, स्मार्टवॉच इत्यादि जैसे कंप्यूटिंग डिवाइस को प्रबंधित और संचालित करने के लिए आवश्यक है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कोडिंग भाषा जानने की आवश्यकता को समाप्त करता है कंप्यूटिंग उपकरणों के साथ बातचीत।

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? | Computer Operating System kya hai?

यह कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है कंप्यूटर को चलाने/ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है। ऑपरेटिंग सिस्टम अन्य सभी प्रोग्रामों को कम्प्यूटर में क्रियान्वित करता है। किसी भी प्रकार का प्रोग्राम कंप्यूटर के संपर्क में आने से पहले ऑपरेटिंग सिस्टम के सम्पर्क में आता है। यह एक मास्टर कंट्रोल प्रोग्राम है, जो कि कंप्यूटर को संचालित करता है और एक कुशल कंट्रोलर की भूमिका निभाता है।

Computer Operating System kya hai
Computer Operating System
  • यह एक विशेष प्रोग्रामों का संकलन है।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का समूह है, जो कि मनुष्य, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और कम्प्यूटर हार्डवेयर के बीच संवाद ( Conversation ) स्थापित करता है।
  • यह एक ऐसा प्रोग्राम है, जो कि कम्प्यूटर के विभिन्न अंगों को निर्देश देता है कि किस प्रकार से प्रोसेसिंग का काम सफल हो।
  • ये हार्डवेयर की क्षमता का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने का काम करता है।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि कंप्यूटर हार्डवेयर व यूजर के बीच एक माध्यम की भांति काम करता है।

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ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार | Operating System ke Prakar

यह काम के आधार पर चार प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-

  1. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम- इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में एक समय पर केवल एक ही यूजर काम कर सकता है और इसके अतिरिक्त यह एक समय पर एक ही प्रोग्राम को प्रोसेस कर सकता है।
  2. मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम- इसमें एक बार में बहुत से यूजर कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि प्रत्येक यूजर एक टर्मिनल कंप्यूटर के द्वारा मेन कंप्यूटर से जुड़ा रहता है। की-बोर्ड व माउस टर्मिनल में होते हैं, जिनके माध्यम से यूजर इनपुट करने का काम करता है और संपूर्ण प्रोसेसिंग का काम मेन कंप्यूटर पर ही होता है।
  3. सिंगल यूजर व मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम- इस प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम एक यूजर एक बार में कई प्रोग्रामों को प्रोसेस करा सकता है।
  4. नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम- इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में सभी कंप्यूटर एक नेटवर्क से जुड़े होते हैं। नेटवर्क से जुड़े हुए सभी कंप्यूटर एक-दूसरे के साधनों को शेयर कर सकते हैं, जिसको रिसोर्स शेयरिंग कहा जाता है। जिसके माध्यम से इन कंप्यूटरों के बीच फाइलों एवं संवादों का आदान-प्रदान भी हो सकता है।

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ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य | Operating System ke kaary

  1. प्रोसेसर मैनेजमेंट- जब कंप्यूटर में कोई प्रोग्राम रन करता है तब उस समय कंप्यूटर सिस्टम रिसोर्सेज उपयोग करता है। रिसोर्सेज सिस्टम में कंप्यूटर का प्रोसेसर, रैम, हार्ड डिस्क का उपयोग किया जाता है। कभी भी ऐसा नहीं होता है, कि जब कोई प्रोग्राम रन किया जाता है, तब रिसोर्सेज का उपयोग किया जाता है। यदि आप अपना टास्क मैनेजर बिना किसी प्रोग्राम रन किए ओपन करते हैं तब वहां पर बहुत से प्रोग्राम आपको चलते मिल जाएंगे। लेकिन किस प्रोग्राम को कितना समय दिया जाएगा व कितना प्रोसेसर मिलेगा। यह सभी ऑपरेटिंग सिस्टम ही निश्चित करता है। जब आप किसी प्रोग्राम को बंद करते हैं तब ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम को बंद होने के साथ ही आपके प्रोसेसर को फ्री कर देता है। यदि प्रोसेसर फ्री नहीं होगा तो आपका प्रोसेसर शत प्रतिशत यूज होना शुरू हो जाएगा और कंप्यूटर हैंग हो जाएगा।
  2. मैमोरी मैनेजमेंट- कंप्यूटर सिस्टम में प्रोग्राम के रन होने में मैमोरी का महत्वपूर्ण काम होता है। यह कंप्यूटर का वह भाग है, जो कि यूजर द्वारा इनपुट किए डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहित करती है। इसमें सूचना, डाटा व प्रोग्राम प्रोसेस के दौरान उपस्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उपलब्ध रहते हैं। सी.पी.यू. ( CPU ) मेन मैमोरी से सीधे डाटा को राइट/रीड करता है।
  3. डिवाइस मैनेजमेंट- डिवाइस मैनेजमेंट के अंतर्गत ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट के काम को भी संपादित करता है। आपके कंप्यूटर से जुड़े हुए विभिन्न आउटपुट डिवाइस व इनपुट डिवाइस को आपस में को-आर्डिनेट करता है इसके साथ ही उनको काम भी सौंपता है। जब भी यूजर एमएस वर्ड में कीबोर्ड से ‘Control key’ दबाकर प्रिंट कमांड देते हैं तब ऑपरेटिंग सिस्टम कीबोर्ड से इनपुट लेता है व प्रिंटर को आउटपुट कमांड देता है।
  4. फाइल मैनेजमेंट- ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल्स को एक व्यवस्थित ढंग से किसी भी डायरेक्टरी में संगृहीत करने की सुविधा देता है। इसके अलावा किसी प्रोग्राम के निष्पादन के समय इसे सेकेण्डरी मैमोरी से पढ़कर प्राइमरी मैमोरी में डालने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को एक आसान-सा इंटरफेस प्रदान करता है ताकि वह कंप्यूटर का उपयोग सरलतापूर्वक कर सके। इसके अलावा यह कंप्यूटर व यूजर को एक विशिष्ट पासवर्ड के माध्यम से सुरक्षा देने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम करता है। कंप्यूटर पर काम करने वाले यूजर का लेखा-जोखा व्यवस्थित रखने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है। इसके अतिरिक्त यह इस बात का ध्यान रखता है कि यूजर ने कितने समय के लिए कंप्यूटर पर काम किया है।

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Computer Operating System Qna-

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम कौन-सा सॉफ्टवेयर होता है?

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है।

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम का दूसरा नाम क्या है?

कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम का दूसरा नाम ओएस ( OS ) है।

कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम कौन कौन से हैं?

विण्डोज ओएस ( Windows OS ), मैक ओएस ( Mac OS ), लीनक्स ओएस ( Linux OS ), आईओएस ( ios ), एंड्रायड ओएस ( Android OS ), एमएस-डीओएस ( MS-DOS ), उबंटू ( Ubuntu ), सिम्बियन ओएस ( Symbian OS ).

एक समय में कितने ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं?

एक कंप्यूटर पर एक ही समय में केवल एक ऑपरेटिंग सिस्टम काम कर सकता है।

मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण

इसके उदाहरण- लीनक्स, यूनिक्स, उबंटू, मैक ओएस व विण्डोज 2000 आदि।

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