
बेयरिंग की री-फिलिंग करना
दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में बेयरिंग की री-फिलिंग के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
बेयरिंग की री-फिलिंग (Bearing ki Refilling)
जब बेयरिंग खराब हो जाता है, तब बेयरिंग को काम योग्य बनाने के लिए री-फिलिंग की जाती है। बेयरिंग की री-फिलिंग करने के लिए निम्न प्रोसेस किए जाते हैं, जिनके बारे में नीचे निम्न प्रकार से बताया है-

1.पुरानी लाइनिंग को साफ करना
यह बेयरिंग में सबसे पहले प्रोसेस किया जाता है, इस प्रोसेस के अंतर्गत व्हाइट मेटल या बैबिट मेटल की पुरानी लाइनिंग को साफ किया जाता है। ऐसा करने के लिए पहले बेयरिंग को गर्म किया जाता है, फिर अच्छे कपड़े से साफ कर लिया जाता है।
2.ग्रीस साफ करना
बेयरिंग में लाइनिंग साफ करने के बाद ग्रीस साफ करने के लिए प्रोसेस किया जाता है। इसके लिए बेयरिंग को कास्टिक सोडा के घोल में उबाला जाता है। फिर उसके बाद बेयरिंग को साफ पानी से धो लिया जाता है।
3.पिकलिंग
यह प्रोसेस, बेयरिंग की सतह को खुरदरा बनाने के लिए किया जाता है। पिकलिंग प्रोसेस करने के लिए बेयरिंग की सतह पर 15% सल्फ्यूरिक एसिड का घोल 4 से 5 मिनट तक लगाया जाता है। इसके बाद बेयरिंग को अच्छे कपड़े से साफ करने के बाद साफ पानी से धो लिया जाता है।
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4.टिनिंग
पिकलिंग के बाद टिनिंग प्रक्रिया अवश्य की जाती है। ऐसी प्रक्रिया जिसके अंतर्गत जॉब की सतह पर टिन की परत चढ़ाई जाती है, उस प्रक्रिया को टिनिंग (Tinning) कहते हैं। इसके प्रक्रिया या प्रोसेस के फलस्वरूप धातु सतह के साथ अच्छी तरह से चिपक जाती है।
5.धातु पिघलाना
इस प्रोसेस के अंतर्गत बेयरिंग में भरी जाने वाली धातु को उनके गलनांक से 50°C अधिक ताप पर गर्म किया जाता है।
6.क्लैम्पिंग या सैटिंग
इस प्रक्रिया के अंतर्गत बेयरिंग में पिघली हुई धातु डाली जाती है। यह प्रोसेस करते समय बियरिंग के बीच में एक कोर ब्लॉक रख लेना चाहिए। कोर ब्लॉक का साइज, शाफ्ट के साइज से कम रखा जाता है।
7.धातु का भरना
सैटिंग प्रोसेस के बाद, धातु को भरने का प्रोसेस किया जाता है। इसके प्रोसेस के अंतर्गत धातु को पिघलाने के बाद इसे बेयरिंग में भरा जाता है। बेयरिंग में धातु भरने से पहले, बेयरिंग की नमी को हल्का गर्म करके दूर कर लेना चाहिए।
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8.मशीनिंग व स्क्रैपिंग
बेयरिंग में धातु भरने के बाद बेयरिंग के बोर में स्क्रैपिंग या मशीनिंग प्रोसेस किया जाता है। ऐसा इसलिए करना पड़ता है, कि जब सैटिंग प्रोसेस किया जाता है, तो उसमें कोर ब्लॉक का साइज हल्का कम होता है। इसलिए बेयरिंग के बोर के साइज को आवश्यक फिटिंग के अनुसार मशीनिंग वह स्क्रैपिंग प्रोसेस से प्राप्त किया जाता है।
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