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अपकेन्द्र बल किसे कहते हैं?|अपकेन्द्रित किसे कहते हैं?

अपकेन्द्र बल किसे कहते हैं?|अपकेन्द्रित किसे कहते हैं?

“एक ऐसा बल जिसका हमें केवल आभास होता है, परंतु वास्तव में वह बल लगता नहीं है, उसे अपकेन्द्र बल (Centrifugal Force) कहते हैं।”

यह एक ऐसा बल होता है जिसके कारण किसी गतिशील वस्तु में, केंद्र से दूर भागने की प्रवृत्ति होती है। यह अभिकेंद्र बल (Centripetal Force) के समान तथा विपरीत दिशा में काम करता है।

अपकेन्द्र बल का सूत्र

जहां F एक अभिकेंद्र बल है और इसकी प्रतिक्रिया बल F’ है।

चूंकि F = F’

F’ = mv²/r (जहां – F = mv²/r)

अपकेन्द्र बल की खोज किसने की थी?

अपकेन्द्र बल की खोज सन् 1659 में क्रिस्टियान हायगन्‍स ने की थी।

अपकेन्द्र बल का उदाहरण

दोस्तों यदि आप घूमते हुए झूले (merry-go-ground) पर झूलते समय अचानक झूले की रस्सी को छोड़ दें तब आपका तुरंत अपना संतुलन खो जाएगा और आप बाहर की ओर गिर पड़ेंगे। तब आपको ऐसा महसूस होता है जैसे कि बाहर की ओर कोई बल लगा हो।

apakendr bal kise kahate hain
Centrifugal Force

ठीक इसी प्रकार चाहें आप हों या कोई अन्य व्यक्ति हो वह झूले से न गिरे इसके लिए वह झूले की रस्सी को हाथ से पकड़कर बाहर की ओर खींचता है जिससे कि रस्सी व्यक्ति के शरीर को झूले के केंद्र की ओर खींचती है तथा व्यक्ति को गोल घूमने के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल मिल जाता है।

जब हम किसी कार या बस मे यात्रा करते हैं और जब मोड़ आती है, तब ड्राइवर कार या बस को मोड़ता है। उस समय हम मोड़ की विपरीत दिशा में झुक जाते हैं।
तब हमें सिर्फ आभास होता है, कि किसी ने खींचा हो।

अपकेन्द्रित किसे कहते हैं?

यह एक ऐसा यंत्र है, जिसकी सहायता से द्रव (जैसे दूध) में उपस्थित विभिन्न द्रव्यमान वाले कणों को अलग-अलग किया जा सकता है।

उदाहरण – दूध से क्रीम अपकेन्द्रित की मदद से निकाली जाती है।

अपकेन्द्रित का सिद्धांत

यह यंत्र अभिकेंद्र बल पर आधारित है। माना किसी द्रव में हल्के व भारी दोनों प्रकार के कण हैं। जिसमें भारी कणों के द्रव्यमान M व हल्के कणों में द्रव्यमान m हैं और भारी कण केंद्र से R व हल्के कण केंद्र से r दूरी पर हैं।

चूंकि भारी कणों पर अपकेंद्री बल = हल्के कणों पर अपकेंद्री बल

Mv²/R = mv²/r

या M/R = m/r

यदि यहां पर D भारी कणों का घनत्व है और d हल्के कणों का घनत्व हो तथा सभी कणों की त्रिज्या समान हो तो

द्रव्यमान = आयतन × घनत्व से

D/d = R/r

इससे यह स्पष्ट है कि जब दूध मशीन में घूम रहा है तब क्रीम के कारण दूध के कणों से हल्के होने के कारण छोटी त्रिज्या का वृत्तीय मार्ग अपनाते हुए मशीन के केंद्र में आ जाते हैं। अतः इस प्रकार से यंत्र के केंद्रीय भाग से क्रीम बाहर आ जाती है व दूध अलग हो जाता है।

अभिकेंद्र बल (Centripetal Force) व अपकेन्द्र बल (Centrifugal Force) में अंतर

  • अभिकेंद्र बल की खोज सर आइजेक न्यूटन व अपकेन्द्र बल की खोज क्रिस्टियन हायगन्‍स ने की थी।
  • अभिकेंद्र बल एक वास्तविक बल होता है और अपकेन्द्र बल एक आभासी बल होता है।
  • अभिकेंद्र बल केंद्राभिसारी बल होता है और अपकेन्द्र बल केंद्रपसारक बल होता है।
  • अभिकेंद्र बल की दिशा केंद्र की तरफ होती है और अपकेन्द्र बल की दिशा केंद्र से दूर की तरफ होती है।

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More Information:- अभिकेंद्र बल किसे कहते हैं?

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