आपदा एक प्राकृतिक या मानव द्वारा उत्पन्न जोखिम का वह प्रभाव जो पर्यावरण या समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित आपदा व्यावसायिक स्वास्थ्य आपदाओं की श्रेणी में आते हैं। ये व्यावसायिक स्वास्थ्य आपदा कर्मचारियों को अस्थायी या स्थायी रूप से अपंग / असमर्थ बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कर्मियों के स्वास्थ्य पर उनके कार्य व कार्यस्थल के अनुसार पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को सामान्यतया निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है।
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- एरगोनॉमिकल आपदा ( Ergonomical Hazards ): इसके अन्तर्गत कार्य से हुई थकान, बोरियत, बार – बार एक ही काम करने से उत्पन्न खीझ, कार्यस्थल की चकाचौंध एवं असामान्य आसन या मुद्रा, शरीर संस्थिति आदि से सम्बन्धित स्वास्थ्य आपदाएं हैं। एरगोनॉमिकल आपदाओं से मांसपेशियों में दर्द, खिंचाव आदि बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
- भौतिक आपदाएं ( Physical Hazards ): इनमें अत्यधिक ताप अथवा शीत, कम्पन, दबाव, शोर एवं विकिरण सम्बन्धित आपदाएं शामिल हैं। यांत्रिक खराबी अथवा मशीनों के द्वारा उत्पन्न दुर्घटनाओं को भी इस प्रकार की आपदाओं में सम्मिलित किया जाता है। भौतिक आपदाओं से बहरापन, त्वचा सम्बन्धी बीमारियां आदि बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
- रासायनिक आपदाएं ( Chemical Hazards ): उद्योगों में रसायनों का प्रयोग एक सामान्य घटना है। मुख्य रसायनों के अतिरिक्त हर वर्ष अनेक प्रकार के नए रसायनों का प्रयोग, कारखानों में होता रहता है। इन रसायनों में से अनेक विषाक्त प्रभाव डालने वाले तथा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं एवं कुछ रसायन लम्बे समय तक एक ही वातावरण में कार्य करने पर शनैः शनैः स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालना आरम्भ कर देते हैं। रसायन, त्वचा, श्वसन अथवा पाचन तंत्र के द्वारा शरीर में प्रविष्ट होकर अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न करते हैं धूल, गुआं, रासायनिक पदार्थों के कण वाष्प, रासायनिक अपशिष्ट तथा दुर्गन्ध स्वास्थ्य के लिए कभी भी गम्भीर आपदाएं उत्पन्न कर सकते है। रासायनिक आपदाओं से अस्थमा, मोनकाइटिस, फेफड़ों सम्बन्धी अन्य बीमारियां, कैंसर आदि बीमारियां उत्पन्न होती है।
- विकिरणीय आपदाएं ( Radiation Harards ): हानिकारक विकिरणों जैसे – एक्स – रे, पराबैंगनी किरणें आदि के सम्पर्क में आने पर विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है, जैसे आंखों को क्षति, त्वचा का जलना, त्वचा का कैसर आदि।
- यांत्रिक आपदाएं ( Mechanical Hazards ): उद्योगों में यांत्रिक आपदाओं का कारण मशीने तथा घलते हुए हिस्से ( Moving Parts ) होते हैं। उद्योगों में होने वाली लगभग 10 % दुर्घटनाएं मशीनों के हिस्सों के कारण होती हैं।
- विद्युतीय आपदाएं ( Electrical Hazards ): कर्मचारियों को निम्न कारणों से बिजली के झटके अथवा विद्युत से खतरा हो सकता है
- कटे हुए बिजली के तार या अनुचित उपयोग अथवा क्षतिग्रस्त एक्स्टेशन कोर्ड
- अनुपयुक्त तारबंदी या खुले में छोड़े गये आउटलेट
- खराब उपकरण अथवा तार
- टूटे हुये पात्र या कनेक्टर,
- सफाई में पानी का उपयोग
- असुरक्षित कार्य प्रणाली
- कम्पन तथा ध्वनिकीय संबंधी आपदाएं ( Vibroacoustic Hazards ): कार्य के वातावरण में ध्वनि तथा यांत्रिक कम्पन के कारण उत्पन्न आपदाओं को बाइब्रोएकास्टिक आपदाएं ( Vibroacoustic Hazards ) कहा जाता है। कम्पन तथा ध्वनि सम्बन्धी आपदाओं से बचने का तरीका
- ध्वनि तथा यांत्रिक कम्पन से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव को नापने तथा इसका आकलन करने के तरीकों को विकसित करें तथा सुधारें।
- इन खतरों के नुकसानदायक असर को मिटाने अथवा कम करने के तरीके तथा उपाय विकसित करें।
- ऊष्मीय आपदाएं ( Thermal Hazards ): ऊष्मीय आपदाएं उन धीजों या पदार्थों से उत्पन्न होती है जो ऊर्जा के रूप में ऊष्मा का संचार करते है। खुले में लगी आग ऊष्मीय आपदा का एक उदाहरण है क्योंकि इससे आस – पास के वातावरण में ऊष्मा का संचार होता है। इन सभी उपरोक्त आपदाओं से निम्न प्रकार बचा जा सकता है।
- स्वयं को वर्कशॉप की सम्पूर्ण कार्यविधि एवं उपकरणों से परिचित 0 होना चाहिए। वर्कशॉप में आपदाकारक जोन ; रेड लाइन ( Red Line ) से बाहर रहना चाहिए।
- चेतावनी चिन्हों से अवगत होना आवश्यक है।
- सभी बाह्य द्वारों की जानकारी होना आवश्यक है।
- वर्कशॉप में वेन्टीलेशन अच्छा होना चाहिए।
- अग्निशामक यंत्रों को उपयोग करना आना चाहिए।
- वर्कशॉप में आग लगने के कारण जैसे धूम्रपान, शॉर्ट सर्किट आदि से बचाव करना चाहिए
- वर्कशॉप में विद्युत के तार नंगे नहीं होने चाहिए।
- वर्कशॉप में कार्य करते समय सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।
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