No ratings yet.

मानक एवं मानकीकरण

नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में आपको मानक एवं मानकीकरण के बारे में बताने जा रहा हूँ। तो इस लेख पूरा जरूर पड़ें और में हूँ राजेंद्र सिंह और आप देख रहे हैं iticourse.com. तो चलिए जानते हैं मानक एवं मानकीकरण के बारे में।

किसी तंत्र प्रक्रम, या सेवा (service) एवं उत्पाद(product) के बारे में निर्धारित आवश्यक मापदंड को मानक( standard ) कहा जाता है। मानक ( standard ) प्राय एक दस्तावेज(document) के रूप में होते हैं। किसी भी देश में निर्मित सामग्री/औजार /उपकरण एक निश्चित मानक ( standard ) के होने चाहिए।

इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए दुनिया भार में कई संगठन बनाए गए हैं। उत्पाद की गुणवत्ता(quality), उत्पाद को डिजाइन एवं विकसित करने में समय वह लागत कम करना। और अनावश्यक रूप से इच्छित आकार-प्रकार एवं माप के उत्पाद (product) बनाने पर रोक, सुरक्षा, चुनने, खरीदने एवं उपयोग करने में सुविधा आदि माननीकारण के महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं।

भारतीय वस्तुओं के स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में विक्रय के लिए कुछ निश्चित मानकीकरण विधियां आवश्यक है। और भारतीय मानक ब्यूरो (Indian Standards Bureau) अपनी विभिन्न वस्तुओं के लिए पुस्तिकाओं द्वारा विनिर्देशित करता है। बिजली के उपकरण, मशीन आदि सभी बीआईएस (ISI )प्रमाणित होने चाहिए। विभिन्न देशों के स्टैंडर्ड संगठन निम्न प्रकार है –

  1. BIS – ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (I.S.)-भारत
  2. ISO – अन्तराष्ट्रीय मानक संगठन
  3. JIS – जापान का व्यवसायिक मानक-जापान
  4. BSI– ब्रिटिश स्टैंडर्ड संस्था-ब्रिटेन
  5. DIM– डयूस इण्डस्ट्रीनारमेन-जर्मनी
  6. GOST– रूस का स्टैंडर्ड संगठन
  7. ASA– अमेरिकन स्टैंडर्ड एसोसिएशन-अमेरिका
  8. ASTM– USA स्टैंडर्ड

Read more: 5’s संकल्पना की जानकारी

2 thoughts on “मानक एवं मानकीकरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *