
विद्युत का सिद्धांत क्या है? विद्युत कितने प्रकार की होती है?
नमस्कार दोस्तों, विद्युत् को न तो देखा जा सकता है और न ही इसको छुआ जा सकता है। केवल विद्युत् के प्रभाव को ही महसुस किया जा सकता है। तो आज के इस लेख में आपको “विद्युत का सिद्धांत क्या है?” और “विद्युत कितने प्रकार की होती है?” के बारे में बताने जा रहा हूं। अगर आप जानना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पढ़िए। और मैं हूं राजेंद्र और आप देख रहे हैं iticourse.com.

विद्युत का सिद्धांत?
विद्युत का सिद्धांत क्या है, किसी एक चालक(जैसे की तार ) में इलेक्ट्रॉनों का एक दिशा ही में बहाव (Flow in one direction) विद्युत् कहलाता है। ग्रीन दार्शनिक थेल्स ( लगभग 600 बीसी) ने देखा कि जब एंबर को शिल्क कपड़े के टुकड़े पर रगड़ते हैं, तो तब इसमें कागज के छोटे टुकड़ों, पिथ बाल इत्यादि को अपनी तरफ आकर्षित करने का गुण आ जाता है। ग्रीन में एंबर को इलेक्ट्रॉन कहते हैं इसलिए इस विधि से एंबर में उत्पन्न यह गुण “विद्युत्” कहलाया।
इसमें दो आवेश पाए जाते है। धनात्मक और ऋणात्मक आवेश, बेंजामिन फ्रैंकलीन ने विद्युत के तरल पदार्थ सिद्धांत के बारे में भी खोज की जिसके अनुसार धारा, स्रोत के धनात्मक टर्मिनल से ऋणात्मक टर्मिनल की ओर बहती है।
विद्युत कितने प्रकार की होती है?
- स्थिर विद्युत्
- गतिशील विद्युत्
स्थिर विद्युत किसे कहते है?
इस विद्युत ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं पहुंचाया जा सकता है। यह ऊर्जा, आवेश (चार्ज) के रूप में होती है और इसका उत्पादन प्रचुर मात्रा में नहीं किया जा सकता है।
कांच की छड़ को जब रेशम के कपड़े पर रगड़ा जाता है तो यांत्रिक ऊर्जा के साथ स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन कांच की छड़ में से रेशमी कपड़े की ओर विस्थापित हो जाते हैं। और इलेक्ट्रॉनों पर ऋण चार्ज होता है कांच की छड़ पर इलेक्ट्रॉनों की कमी होने से धन चार्ज आता है अर्थात कांच की छड़ पर धन चार्ज वह रेशमी कपड़े पर ऋण चार्ज होता है।
महत्वपूर्ण लिंक: प्रारंभिक विद्युत क्या होती है? | विद्युत का सिद्धान्त
इस प्रकार इलेक्ट्रॉनों का असंतुलन उत्पन्न हो जाता है जब बराबर मात्रा में धन तथा ऋण आवेश को संपर्क में लाया जाता है। तो आवेश विलोपित हो जाते हैं इस प्रकार वस्तु उदासीन (न्यूट्रल) हो जाती है इसलिए तो स्थिर विद्युत का उपयोग व्यापारिक स्तर पर नहीं किया जा सकता है।
गतिशील विद्युत किसे कहते है?
गतिशील विद्युत को विद्युत धारा कहते हैं। यह विद्युत ऊर्जा जिसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सके, गतिशील विद्युत ऊर्जा कहलाती है। चालकों के घूमने से उत्पन्न E.M.F गतिशील विद्युत होती है, इसे केबलों, तारों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है।
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